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उत्तराखंड निकाय चुनाव में भाजपा की बंपर जीत, 11 नगर निगमों में कब्जा, कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 26 जन॰
  • 3 मिनट पठन


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शनिवार को उत्तराखंड में नगर निगम और अन्य स्थानीय निकायों के चुनावों की मतगणना शुरू होते ही राज्य के विभिन्न हिस्सों में चुनावी नतीजे सामने आने लगे। इस चुनाव में कुल 11 नगर निगमों, 43 नगर पालिका परिषदों और 46 नगर पंचायतों के चुनावी परिणामों ने भाजपा के विजय रथ को रफ्तार दी। भाजपा ने एक बार फिर अपनी राजनीति की ताकत को साबित किया, जबकि निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी अपने प्रभाव को कुछ क्षेत्रों में महसूस कराया।


भाजपा की ऐतिहासिक जीत:

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इस बार भाजपा ने 11 नगर निगमों में महापौर पदों पर कब्जा कर लिया। देहरादून, हरिद्वार, काशीपुर, रुड़की, हल्द्वानी, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, ऋषिकेश और कोटद्वार जैसे प्रमुख नगर निगमों में भाजपा के उम्मीदवारों ने शानदार प्रदर्शन किया। यह जीत पार्टी की कड़ी मेहनत और चुनावी रणनीति की सफलता को दर्शाती है। वहीं, श्रीनगर नगर निगम में निर्दलीय उम्मीदवार ने भाजपा को कड़ी टक्कर दी और महापौर पद पर अपनी जीत दर्ज की।


भाजपा के सभी 11 नगर निगमों में महापौर पद पर जीत को लेकर पार्टी के नेताओं में उत्साह का माहौल है। चुनावी परिणामों ने यह स्पष्ट कर दिया कि उत्तराखंड में भाजपा की पकड़ लगातार मजबूत होती जा रही है। वहीं कांग्रेस इस चुनाव में महापौर पदों पर अपना खाता तक नहीं खोल पाई।


भाजपा के प्रमुख विजयी उम्मीदवार:

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देहरादून: सौरभ थपलियाल (भाजपा)

काशीपुर: दीपक बाली (भाजपा )

हरिद्वार: किरण जैसल (भाजपा )

रुड़की: अनिता देवी अग्रवाल (भाजपा )

हल्द्वानी: गजराज बिष्ट भाजपा )

अल्मोड़ा: अजय वर्मा (भाजपा )

पिथौरागढ़: कल्पना देवलाल (भाजपा )

कोटद्वार: शैलेंद्र सिंह रावत (भाजपा )

रुद्रपुर: विकास शर्मा (भाजपा )

ऋषिकेश: शंभू पासवान (भाजपा )

श्रीनगर: आरती भंडारी (निर्दलीय)


कांग्रेस की निराशाजनक हार:

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हालांकि कांग्रेस ने कई स्थानों पर दावेदारी की, लेकिन उसके उम्मीदवारों को किसी भी नगर निगम में महापौर पद पर जीत हासिल नहीं हो पाई। कांग्रेस के उम्मीदवारों ने महापौर पदों पर अपना खाता भी नहीं खोला। पिछली बार 2018 में कांग्रेस ने 2 महापौर पदों पर जीत हासिल की थी, लेकिन इस बार भाजपा के बढ़ते प्रभाव और संगठनात्मक मजबूती के सामने कांग्रेस पूरी तरह से नाकाम रही।


निकटतम मुकाबले:

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पिथौरागढ़ में भाजपा प्रत्याशी कल्पना देवलाल ने कांटे के मुकाबले में अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी निर्दलीय मोनिका महर को केवल 17 मतों के मामूली अंतर से हराया। अल्मोड़ा में भाजपा के अजय वर्मा ने कांग्रेस के भैरव गोस्वामी को 2573 मतों से पराजित किया, जो यह दर्शाता है कि भाजपा ने किसी भी क्षेत्र में अपना दबदबा बनाए रखा। हल्द्वानी और रुड़की जैसे नगर निगमों में भाजपा की जीत के बाद कांग्रेस को करारा झटका लगा।


मतगणना के दौरान हलचल:

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मतगणना के दौरान पिथौरागढ़ में एक अप्रत्याशित घटनाक्रम सामने आया। भाजपा प्रत्याशी के पति और निर्दलीय प्रत्याशी के रिश्तेदारों के बीच मतगणना कक्ष में घुसने को लेकर विवाद हुआ। इसे लेकर निर्वाचन अधिकारी के कक्ष में कुछ समय के लिए हलचल मच गई और लगभग आधे घंटे तक मतगणना रोक दी गई। हालांकि बाद में स्थिति को नियंत्रित कर लिया गया और मतगणना पूरी की गई।


नतीजों के बाद प्रत्याशियों और समर्थकों की प्रतिक्रियाएं:

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जब मतगणना के परिणाम सामने आने लगे, तो प्रत्याशियों और उनके समर्थकों के चेहरे पर खुशी और निराशा के मिले-जुले भाव नजर आने लगे। भाजपा समर्थकों ने जहां खुशी का इजहार किया, वहीं कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के समर्थकों ने हार का सामना किया। कुल मिलाकर, यह चुनाव भाजपा की विजय की कहानी बनकर उभरा, जो राज्यभर में पार्टी की स्थिति को और मजबूत करेगा।

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