आपदा में साहस की मिसाल बने जवानों को मुख्यमंत्री धामी ने किया सम्मानित
- ANH News
- 6 अक्टू॰
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शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पटेलनगर स्थित राजकीय दून मेडिकल कॉलेज पहुंचे, जहां अर्पित फाउंडेशन द्वारा आयोजित “प्राइड मूवमेंट सम्मान समारोह” का आयोजन किया गया था। इस अवसर पर आपदा के समय राहत एवं बचाव अभियानों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस तथा आईटीबीपी के जवानों को सम्मानित किया गया।
मुख्यमंत्री धामी ने अपने संबोधन में कहा कि यह सम्मान उन निस्वार्थ कर्मियों को श्रद्धांजलि है, जिन्होंने आपदाओं के दौरान अपनी जान की परवाह न करते हुए लोगों को बचाने और राहत पहुंचाने का अभूतपूर्व बलिदान दिया। उत्तराखंड की भौगोलिक चुनौतियों और यहां हर वर्ष उत्पन्न आपदाओं की गंभीरता को देखते हुए धामी ने कहा कि हिमालय की गोद में बसे इस राज्य में भूस्खलन, बाढ़, अतिवृष्टि और अन्य प्राकृतिक घटनाएं सामान्य‑सी हो गई हैं। ऐसे में इन कठिन परिस्थितियों से लड़ना केवल सरकार का काम नहीं, बल्कि हर नागरिक का दायित्व है।
उन्होंने 2013 की केदारनाथ त्रासदी, 2021 की ऋषिगंगा और धौलीगंगा आपदाएँ, 2023 में जोशीमठ का धंसाव और इस वर्ष उत्तरकाशी, चमोली तथा देहरादून क्षेत्रों में वर्षा और भूस्खलन की घटनाओं को स्मरण करते हुए कहा कि हर आपदा में सबसे जटिल काम मानव जीवन की रक्षा करना रहा है। उन्होंने कहा कि इस चुनौती से निपटने में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और अन्य विभागों के कर्मियों ने दिन-रात एक कर दिए थे, घायल और मलबे में फंसे लोगों को निकालना हो या राहत शिविरों का संचालन — उनकी भूमिका नायाब रही।
धामी ने विशेष रूप से सिल्क्यारा टनल हादसे के दौरान फंसे मजदूरों के बचाव अभियान का जिक्र किया, जिसका पूरा देश ने ध्यान केंद्रित कर देखा था। उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन में बाबा बोखनाग की पवित्र आशीष और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सक्रिय निगरानी तथा मार्गदर्शन का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि सरकार राहत कर्मियों को आधुनिक उपकरण जैसे ड्रोन, सैटलाइट आधारित निगरानी प्रणाली और नवीनतम रेस्क्यू गियर उपलब्ध करा रही है। आपदा मित्र योजना के अंतर्गत गांव-गांव में स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। सड़क व पुल निर्माण में डिजास्टर रेजिलिएंट (आपदा‑रोधी) तकनीकों को अपनाया जा रहा है ताकि भविष्य में आपदाओं से होने वाला नुकसान कम किया जा सके।
उन्होंने कहा कि आपदा केवल इमारतें और सड़कें नहीं नष्ट करती, बल्कि लोगों के आत्मविश्वास, सामाजिक मूल्य और भविष्य को भी झकझोर देती है। इसलिए राज्य सरकार ने इस बात पर जोर दिया है कि केवल मुआवज़ा देना पर्याप्त नहीं होगा — साथ ही प्रभावितों का पुनर्वास और उनकी आजीविका बहाल करना भी अनिवार्य होगा।
समारोह में उपस्थित गणमान्य अतिथियों में विधायक प्रेमचंद अग्रवाल, स्वामी रूपेन्द्र प्रकाश, कृष्ण गिरी महाराज, अपर पुलिस महानिदेशक वी. मुरूगेशन, कार्यक्रम संयोजक हनी पाठक सहित अन्य अधिकारी एवं नागरिक मौजूद थे।


