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232 करोड़ घोटाला: जज के सवाल पर मैनेजर बेफिक्र बोला- 'सारा पैसा लगा दिया शेयर मार्केट में'

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 2 सित॰
  • 2 मिनट पठन

अपडेट करने की तारीख: 3 सित॰

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देहरादून: जौलीग्रांट स्थित देहरादून एयरपोर्ट से जुड़ा एक बड़ा वित्तीय घोटाला सामने आया है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) के फाइनेंस विभाग में कार्यरत एक वरिष्ठ अधिकारी पर 232 करोड़ रुपये की सरकारी धनराशि के गबन का आरोप लगा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी को चार दिन की सीबीआई रिमांड पर भेजा गया है।


स्पेशल सीबीआई कोर्ट के जज मदन राम ने सोमवार को आरोपी की रिमांड मंजूर की, जो मंगलवार सुबह 10 बजे से शुरू होकर चार दिन तक चलेगी।


क्या है पूरा मामला?

सीबीआई ने यह मामला एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के सीनियर मैनेजर (फाइनेंस) चंद्रकांत पी. की शिकायत पर दर्ज किया है। शिकायत के अनुसार, देहरादून एयरपोर्ट पर वर्ष 2019-20 से 2022-23 के बीच कार्यरत रहे वरिष्ठ प्रबंधक (एफएंडए) राहुल विजय ने सरकारी धनराशि को निजी खातों में ट्रांसफर कर उसका दुरुपयोग किया।


प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि लगभग 232 करोड़ रुपये की भारी-भरकम राशि एयरपोर्ट अथॉरिटी के खातों से निकाल कर कई निजी खातों में भेजी गई, जिसे बाद में निजी निवेश और अन्य उपयोगों में खर्च किया गया।


सीबीआई का पक्ष और रिमांड की ज़रूरत क्यों?

सीबीआई ने कोर्ट में तर्क दिया कि यह मामला बहुस्तरीय साजिश और संगठित गबन का प्रतीक है, जिसमें संभवतः और भी लोग शामिल हो सकते हैं।

एजेंसी को अभी घोटाले से संबंधित दस्तावेज़, बैंक रिकॉर्ड, निवेश का विवरण और संभावित अन्य साझेदारों की पहचान करनी है।

इन्हीं तथ्यों की पुष्टि और आगे की छानबीन के लिए आरोपी की पुलिस कस्टडी आवश्यक बताई गई।


कोर्ट में पेशी के दौरान आरोपी की बेफिक्री:

सोमवार शाम आरोपी राहुल विजय को जब देहरादून स्थित सीबीआई कोर्ट में पेश किया गया, तो उसका आचरण चौंकाने वाला था। न तो चेहरे पर शिकन थी, न किसी तरह की चिंता।

जज द्वारा जब पूछा गया कि "इतनी बड़ी रकम आखिर गई कहां?", तो उसने बेहद आराम से जवाब दिया-

'मैंने सारा पैसा स्टॉक मार्केट और म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर दिया है।'


अब सीबीआई यह भी जांच करेगी कि क्या यह बयान सच है या गुमराह करने की कोशिश।


आगे क्या होगा?

सीबीआई अब आरोपी से पूछताछ कर यह जानने का प्रयास करेगी कि-

किस-किस बैंक खाते में यह राशि ट्रांसफर की गई?

क्या इस घोटाले में और अधिकारी या बाहरी व्यक्ति भी शामिल हैं?

शेयर मार्केट में लगाए गए पैसों का क्या रिकॉर्ड है?

क्या यह रकम अब भी कहीं सुरक्षित है?


संभावना है कि रिमांड के दौरान कई बड़े नाम और नई परतें इस घोटाले से जुड़ी सामने आ सकती हैं।

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