Dehradun: आपातकालीन स्थिति में बजेंगे इलेक्ट्रॉनिक सायरन, 16 किमी तक पहुंचेगी आवाज
- ANH News
- 5 दिन पहले
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देहरादून में प्राकृतिक आपदाओं और आपातकालीन परिस्थितियों के लिए सायरन प्रणाली को मजबूत करने के उद्देश्य से, अब शहर में 15 नए इलेक्ट्रॉनिक सायरन लगाने को मंजूरी दी गई है। यह फैसला तब लिया गया जब हाल ही में मॉक ड्रिल के दौरान पुराने सायरन सिस्टम की खराबी सामने आई।
नए सायरनों की विशेषताएं
सिविल डिफेंस के डिप्टी कंट्रोलर श्यामेंद्र साहू ने जानकारी दी कि इनमें से 10 सायरन 8 किमी की दूरी तक प्रभावी होंगे, जबकि 5 सायरन 16 किमी तक आवाज पहुंचा सकेंगे। ये सायरन शहर के पुलिस थानों और चौकियों पर लगाए जाएंगे और इनकी आवाज को केंद्रीय कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से सीधे नियंत्रित किया जाएगा। यह व्यवस्था एक केंद्रीकृत प्रणाली के तहत सभी सायरनों को एक साथ बजाने की अनुमति देगी।
मॉक ड्रिल से सामने आया सायरन सिस्टम की खामी
देहरादून शहर, जो कि भूकंप संभावित और प्राकृतिक आपदाओं के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्र में आता है, में आपातकालीन स्थिति के लिए सायरन सिस्टम का होना अत्यंत आवश्यक है। हाल ही में 7 मई को किए गए मॉक ड्रिल में यह खुलासा हुआ कि 1971 में खरीदी गई पुराने सायरन सिस्टम की आवाज अब प्रभावी नहीं रही। जब शहरवासियों ने सायरन की आवाज सुनी, तो यह पाया गया कि सायरन की आवाज केवल 1 किलोमीटर तक ही सुनाई दी, जबकि सायरन की आवाज 8-10 किलोमीटर दूर तक पहुंचनी चाहिए थी।
सायरन प्रणाली की अपग्रेडेशन का निर्णय
सायरन की कम आवाज के मुद्दे को उत्तराखंड शासन से लेकर दिल्ली तक उठाया गया। इस समस्या के बाद शुक्रवार को महानिदेशक सिविल डिफेंस के समक्ष इस मसले को उठाया गया, जिसके बाद 15 नए सायरनों की खरीद को मंजूरी मिल गई।
भविष्य की योजना
जिलाधिकारी सविन बंसल ने बताया कि देहरादून में आपातकालीन चेतावनी प्रणाली को पूरी तरह से आधुनिक रूप में परिवर्तित किया जाएगा। पुराने 1971 के सायरन सिस्टम को उन्नत किया जाएगा और अब इसे डिजिटल और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा। इस कदम के तहत, शासन ने बजट जारी कर दिया है, और मॉक ड्रिल के दौरान जिन खामियों का पता चला, उसके बाद यह निर्णय लिया गया।
आपातकालीन चेतावनी प्रणाली की महत्ता
देहरादून, जो भूकंप के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्र में आता है, प्राकृतिक आपदाओं और आपातकालीन परिस्थितियों में समय पर सूचना और सतर्कता की आवश्यकता होती है। पुराने सायरन अब अपनी भूमिका सही तरीके से नहीं निभा पा रहे थे, जिसके कारण अब इलेक्ट्रॉनिक सायरन लगाए जाएंगे, जो बड़े इलाके में प्रभावी तरीके से सूचना दे सकेंगे।
इस कदम से अब देहरादून में किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्थिति में नागरिकों को समय पर सूचित किया जा सकेगा और वे सुरक्षित रहेंगे।