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ईएम-पर्व 2025: एम्स ऋषिकेश में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन चिकित्सा सम्मेलन संपन्न

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 1 अग॰
  • 3 मिनट पठन
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ऋषिकेश: ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स), ऋषिकेश के इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के तत्वावधान में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन चिकित्सा सम्मेलन ‘ईएम-पर्व 2025’ का सफल आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में विश्व के विभिन्न देशों से आने वाले नामी-गिरामी आपातकालीन चिकित्सकों ने भाग लिया और आपातकालीन चिकित्सा के क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता साझा की।


सम्मेलन का उद्देश्य और विषयवस्तु

एसोसिएशन ऑफ इमरजेंसी मेडिसिन एजुकेटर्स (AEME) एवं कार्डियोडायबेटिक सोसाइटी के सहयोग से आयोजित इस सम्मेलन का मुख्य विषय था — “अव्यवस्था में सटीकता: आपातकालीन क्रिटिकल केयर में महारत।” इसका उद्देश्य आपातकालीन चिकित्सा के क्षेत्र में उच्चतम मानकों और नवीनतम तकनीकों को बढ़ावा देना तथा चिकित्सकों और मेडिकल अधिकारियों को अत्याधुनिक प्रशिक्षण प्रदान करना था।


प्रमुख अतिथियों और उद्घाटन समारोह

इस महत्वपूर्ण सम्मेलन का शुभारंभ अतिरिक्त महानिदेशक, स्वास्थ्य सेवाएं (भारत सरकार) डॉ. सुनीता मंडल ने किया। साथ ही, एम्स ऋषिकेश की निदेशक एवं सीईओ प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह ने सम्मेलन की संरक्षक के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। अन्य प्रमुख संरक्षक और सह-आयोजक में अकादमिक शंकायाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. जया चतुर्वेदी तथा चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर डॉ. सत्यश्री बालिजा शामिल थे। तीनों ने संयुक्त रूप से इस सम्मेलन का उद्घाटन किया।


वक्ताओं और विशेषज्ञों का योगदान

सम्मेलन में विश्व विख्यात विशेषज्ञों ने अपने अनुभव साझा किए। इनमें प्रोफेसर जूडिथ टिंटिनैली, प्रो. बर्नड डब्ल्यू. बॉटिगर, डॉ. रशेल लियू, प्रो. टिम कोट्स, प्रो. अमल मट्टू, डॉ. वेंकट कोटमराजू, और डॉ. एस.एस.सी. चक्र राव प्रमुख थे। इन विशेषज्ञों ने आपातकालीन चिकित्सा के विभिन्न आयामों पर अपने अनुभव और आधुनिक दृष्टिकोण प्रस्तुत किए।


INNOVAT-EM कार्यशालाएं: व्यावहारिक प्रशिक्षण का केंद्र

सम्मेलन के अंतर्गत INNOVAT-EM नामक कार्यशालाओं का आयोजन भी हुआ, जिसमें प्रतिभागियों को ब्रॉन्कोस्कोपी, नसों में ब्लॉक देना, ईडी थोराकोटॉमी, एक्सटर्नल वेंट्रिकुलर ड्रेन प्लेसमेंट और एयरवे मैनेजमेंट जैसी तकनीकों की हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग प्रदान की गई। इस व्यावहारिक प्रशिक्षण ने प्रतिभागियों को आपातकालीन स्थितियों में तत्काल और प्रभावी प्रतिक्रिया देने के लिए सक्षम बनाया।


कम्प्रेशन ओनली लाइफ सपोर्ट (COLS) प्रशिक्षण

एम्स के सेवाकर्मियों को विशेष रूप से कम्प्रेशन ओनली लाइफ सपोर्ट (COLS) का प्रशिक्षण दिया गया, ताकि वे आपातकालीन स्थिति में पहले उत्तरदाता के रूप में त्वरित और प्रभावी सहायता प्रदान कर सकें। यह कदम एम्स की सामाजिक जिम्मेदारी और आपातकालीन सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।


आयोजन समिति और संस्थान की भूमिका

इस सम्मेलन का आयोजन एम्स के इमरजेंसी मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. निधि कैले एवं AEME के निदेशक डॉ. अरुणाचलम आइंस्टीन की देखरेख में किया गया। आयोजन समिति में डीएमएस डॉ. भारत भूषण भारद्वाज, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. पूनम अरोड़ा, और प्रो. अशीमा शर्मा ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। साथ ही, जनरल मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. रवि कांत, डॉ. संजय अग्रवाल, डॉ. मोहम्मद क़मर आज़म, डॉ. मुकेश सिंघला एवं डॉ. रश्मि मल्होत्रा सम्मेलन के सह-आयोजक अध्यक्ष रहे।


एम्स निदेशक की टिप्पणी

एम्स निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने इस सम्मेलन की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस प्रकार के ज्ञानवर्धक एवं व्यावहारिक कार्यक्रम नर्सिंग ऑफिसर्स, जूनियर रेजिडेंट्स और मेडिकल ऑफिसर्स के लिए अत्यंत उपयोगी हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भविष्य में भी इस तरह के प्रशिक्षण सतत जारी रहेंगे, जिससे आपातकालीन चिकित्सा क्षेत्र में गुणवत्ता और दक्षता दोनों का विकास होगा।


इमरजेंसी विभागाध्यक्ष डॉ. निधि ने बताया कि ईएम-पर्व 2025 न केवल अकादमिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देता है, बल्कि सामाजिक संवेदनशीलता और कौशल विकास का भी एक आदर्श प्रस्तुत करता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस सम्मेलन के माध्यम से प्राप्त ज्ञान और प्रशिक्षण का लाभ सीधे-सीधे आपातकालीन चिकित्सा के लिए आए मरीजों को मिलेगा।

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