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धंस रहे पहाड़, हाईवे में दरारें, लोगों ने किया पलायन, भीषण बारिश के बाद पहाड़ी इलाकों में दहशत

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 4 सित॰
  • 3 मिनट पठन

अपडेट करने की तारीख: 5 सित॰

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प्रदेश के पहाड़ी जिलों में लगातार हो रही अत्यधिक बारिश के कारण स्थिति भयावह होती जा रही है। चमोली, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, टिहरी और पौड़ी गढ़वाल जैसे जिलों के कई ग्रामीण इलाकों में भूस्खलन और जमीन धंसने की घटनाएं बढ़ गई हैं। इन प्रभावित गांवों में घरों की दीवारों में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई हैं, जिससे स्थानीय लोगों में दहशत व्याप्त हो गई है।


कुछ स्थानों पर लोगों ने अपनी जान की सुरक्षा को देखते हुए रातोंरात अपने घर खाली कर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन किया है, जबकि कई गांवों में प्रशासन ने भी समय रहते लोगों को घर खाली कर सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट होने का निर्देश जारी किया है। इसके साथ ही हालात और अधिक चिंताजनक हो गए हैं क्योंकि गंगोत्री एवं यमुनोत्री हाईवे सहित कई महत्वपूर्ण सड़क मार्ग भी धंसने लगे हैं, जिससे आवाजाही बाधित हो गई है और राहत एवं बचाव कार्यों में भी दिक्कतें आ रही हैं।


सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का अभियान 15 सितंबर से शुरू होगा

प्रदेश में खराब हुई सड़कों को गड्ढा मुक्त और सुचारू रूप से संचालित करने के लिए 15 सितंबर से विशेष अभियान शुरू किया जाएगा। लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता राजेश शर्मा ने बताया कि विभाग ने इस अभियान के लिए विस्तृत कार्य योजना तैयार कर ली है। इस योजना के तहत 31 अक्टूबर तक प्रदेश की सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि आम जनता को बेहतर एवं सुरक्षित सड़क मार्ग उपलब्ध हो सकें।

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लोक निर्माण विभाग के सचिव पंकज पाण्डेय ने बताया कि बंद पड़ी सड़कों को उसी दिन खोलने का लक्ष्य विभाग ने निर्धारित किया है, लेकिन लगातार हो रही भारी बारिश के कारण यह काम अब तक पूरी तरह संभव नहीं हो पाया है। विभाग की पूरी टीम इस चुनौतीपूर्ण कार्य में जुटी हुई है और प्रत्येक बंद सड़क को पुनः खोलने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि, जब कोई सड़क खुलती भी है, तो बारिश के कारण वह फिर से बंद हो जाती है, जिससे स्थिति जटिल बनी हुई है।


प्रदेश में 520 सड़कें बंद, सड़क खोलने के लिए 779 मशीनें तैनात

लोक निर्माण विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश के विभिन्न जिलों में कुल 520 सड़क मार्ग बंद हैं। इनमें पांच राष्ट्रीय राजमार्ग, 27 राज्य मार्ग, 17 मुख्य जिला मार्ग, आठ अन्य जिला मार्ग तथा 164 ग्रामीण मार्ग शामिल हैं। बंद सड़कों की संख्या जिलों के अनुसार इस प्रकार है:


पौड़ी गढ़वाल: 71 सड़कें

टिहरी: 43 सड़कें

चमोली: 53 सड़कें

रुद्रप्रयाग: 43 सड़कें

उत्तरकाशी: 65 सड़कें

देहरादून: 49 सड़कें

हरिद्वार: 5 सड़कें

पिथौरागढ़: 51 सड़कें

चंपावत: 9 सड़कें

अल्मोड़ा: 86 सड़कें

बागेश्वर: 12 सड़कें

नैनीताल: 32 सड़कें

ऊधमसिंह नगर: 1 सड़क


बंद सड़कों को खोलने एवं मरम्मत के लिए लोक निर्माण विभाग एवं सेना के निर्माण संगठन बीआरओ ने मिलकर 779 मशीनों को विभिन्न प्रभावित क्षेत्रों में तैनात किया है, जो लगातार भारी बारिश के बीच सड़क खोलने एवं सुधार कार्य में लगे हुए हैं।

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प्रदेश में आपदा से 29 पुल हुए क्षतिग्रस्त

सड़कों के साथ-साथ भारी बारिश और भूस्खलन के कारण प्रदेश के 29 पुल भी आंशिक या पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इनमें उत्तरकाशी जिले में सबसे अधिक 10 पुल प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा राष्ट्रीय राजमार्गों (एनएच) के एक पुल और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के तहत बनाए गए 18 पुल भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। इन पुलों की मरम्मत और पुनर्निर्माण के लिए भी आवश्यक कार्यवाही प्रारंभ की गई है ताकि यातायात को जल्द से जल्द पुनः सुचारू किया जा सके।

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