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Rishikesh: सड़कों पर घूम रहे सांडों के आतंक से मुक्ति के लिए बधियाकरण अभियान शुरू

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 11 अप्रैल
  • 2 मिनट पठन

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ऋषिकेश: तीर्थनगरी ऋषिकेश में सड़कों पर घूम रहे सांडों के आतंक से शहरवाले परेशान थे, लेकिन अब उन्हें राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। नगर निगम प्रशासन ने सांडों का बधियाकरण कराने का निर्णय लिया है, ताकि शहर की सड़कों पर इनकी संख्या को नियंत्रित किया जा सके। इस अभियान में नगर निगम को पशुपालन विभाग की मदद मिलेगी।


पिछले पांच सालों में सांडों के हमले से छह लोगों की जान जा चुकी है और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हुए हैं। इसके बावजूद नगर निगम द्वारा गोशालाओं में सांडों को शिफ्ट करने के बाद भी सड़कों पर उनकी संख्या में कोई खास कमी नहीं आई। नगर आयुक्त शैलेंद्र सिंह नेगी ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी विद्याशंकर कापड़ी से इस संबंध में चर्चा की है और जल्द ही बधियाकरण अभियान शुरू करने का आश्वासन प्राप्त किया है।


घटनाओं का सिलसिला:

-01 अप्रैल 2025 – गंगानगर में सांड के हमले में महिला घायल।

-02 अप्रैल 2025 – शिवाजीनगर में सांड ने बुजुर्ग पर किया हमला।

-07 अप्रैल 2025 – प्रगति विहार में सांड के हमले से बुजुर्ग घायल।

-31 मार्च 2025 – मनीराम रोड पर मंदिर जा रही महिला पर सांड का हमला।

-29 मार्च 2025 – लच्छीवाला पेट्रोल पंप पर सांडों की लड़ाई में स्कूटी की चपेट में आई, दो की मौत।

-20 मार्च 2025 – शिवाजीनगर में चलती बाइक पर सांड ने किया हमला, चालक घायल।

-12 मार्च 2025 – रायवाला में सांड के हमले से बुजुर्ग की मौत।

-जनवरी 2024 – रामझूला में सांडों की लड़ाई के कारण दुकान में घुसकर दो कर्मचारियों को किया घायल।

-अप्रैल 2019 – गंगानगर क्षेत्र में सांड के हमले में बुजुर्ग की जान गई।


गोपालक भी जिम्मेदार:

शहर की सड़कों पर घूमते लावारिस सांडों के बढ़ते खतरे के लिए गोपालक भी जिम्मेदार हैं। गोपालक अपने बछड़ों को गोशाला में बड़े होने के बाद सड़क पर छोड़ देते हैं, जिसके कारण इन सांडों का उत्पात बढ़ता जा रहा है। यह स्थिति ऋषिकेश के विभिन्न इलाकों जैसे मुनि की रेती, ढालवाला, नगर पंचायत स्वर्गाश्रम और जौंक क्षेत्र में भी देखी जा रही है।


नगर आयुक्त का बयान:

"सड़कों पर लावारिस घूम रहे सांडों को शिमला बाईपास स्थित गोशाला में शिफ्ट किया जा रहा है। इसके साथ ही सांडों का बधियाकरण करने के लिए पशुपालन विभाग से वार्ता हो चुकी है। जल्द ही पशुपालन विभाग इस कार्य को शुरू करेगा।" – शैलेंद्र सिंह नेगी, नगर आयुक्त, नगर निगम


अब नगर निगम प्रशासन और पशुपालन विभाग के संयुक्त प्रयासों से शहरवासियों को सांडों के आतंक से राहत मिलने की उम्मीद है।

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