top of page

दुनिया को बताएंगे देश का संकल्प! 51 नेता 32 देशों में फैलाएंगे आतंक के खिलाफ ‘भारत नीति'

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 18 मई
  • 2 मिनट पठन
ree

आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक और आक्रामक रुख अपनाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार अब इस संदेश को विश्वस्तर पर पहुंचाने के लिए कमर कस चुकी है। हाल ही में आतंकवाद पर करारा जवाब देने वाले 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद केंद्र सरकार अब सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों को दुनिया भर में भेजने जा रही है, जो भारत की "जीरो टॉलरेंस" नीति को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मजबूती से प्रस्तुत करेंगे।


32 देश और यूरोपीय संघ का मुख्यालय बनेंगे अभियान का हिस्सा

इन प्रतिनिधिमंडलों के सदस्य 32 देशों और बेल्जियम के ब्रुसेल्स स्थित यूरोपीय संघ मुख्यालय का दौरा करेंगे। दौरे का उद्देश्य है:


भारत के आतंकवाद विरोधी रुख को वैश्विक स्तर पर मजबूत समर्थन दिलाना


पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के नापाक चेहरे को दुनिया के सामने उजागर करना


भारत की विदेश नीति में सर्वदलीय एकता और संकल्प को दर्शाना


कौन होंगे शामिल? सर्वदलीय नेतृत्व का संगम

इस ऐतिहासिक मिशन में 51 राजनीतिक नेता, सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री शामिल होंगे। इनमें शामिल प्रमुख नाम:


बैजयंत पांडा (भाजपा)


रविशंकर प्रसाद (भाजपा)


संजय कुमार झा (जदयू)


शशि थरूर (कांग्रेस)


कनिमोझी (डीएमके)


सुप्रिया सुले (एनसीपी - शरद पवार गुट)


श्रीकांत शिंदे (शिवसेना - शिंदे गुट)


इसके अलावा प्रतिनिधिमंडलों में पूर्व मंत्री गुलाम नबी आजाद, एम. जे. अकबर, सलमान खुर्शीद, आनंद शर्मा, वी. मुरलीधरन और एस. एस. अहलूवालिया जैसे अनुभवी नेता भी शामिल होंगे, भले ही वे वर्तमान में संसद सदस्य न हों।


संगठनात्मक संरचना: हर प्रतिनिधिमंडल में राजनयिक मार्गदर्शन

हर प्रतिनिधिमंडल में 6 से 8 राजनेता शामिल होंगे और उनके साथ एक पूर्व राजनयिक भी रहेंगे जो उन्हें स्थानीय परिस्थितियों और कूटनीतिक व्यवहार में मार्गदर्शन देंगे।


सभी प्रतिनिधिमंडलों में कम से कम एक मुस्लिम प्रतिनिधि भी शामिल है — यह भारत की विविधता, समावेशिता और आतंकवाद के खिलाफ सामूहिक राष्ट्रीय दृष्टिकोण को प्रदर्शित करता है।


'एक मिशन। एक संदेश। एक भारत।' — सरकार का स्पष्ट संदेश

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने इस कूटनीतिक पहल को लेकर सोशल मीडिया (X) पर कहा:


"एक मिशन। एक संदेश। एक भारत।"

"ऑपरेशन सिंदूर के तहत सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल जल्द ही प्रमुख देशों से मिलेंगे, जो आतंकवाद के खिलाफ हमारे सामूहिक संकल्प को दर्शाता है।"


संदेश साफ है: आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई, अब सीमाओं से बाहर

भारत यह संदेश देना चाहता है कि आतंकवाद सिर्फ एक देश की नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की समस्या है। और भारत, जो खुद इस समस्या का लंबे समय से शिकार रहा है, अब इसका वैश्विक समाधान बनना चाहता है।


प्रधानमंत्री मोदी की सरकार यह सुनिश्चित करने में जुटी है कि भारत की कूटनीति सिर्फ रक्षा, व्यापार या पर्यावरण तक सीमित न रह जाए, बल्कि सुरक्षा और आतंकवाद के मुद्दों पर भी निर्णायक भूमिका अदा करे।

bottom of page