top of page

भारत-पाकिस्तान क्रिकेट विवाद के बाद ACC ने पत्रकारों के राजनीतिक सवालों पर लगाई पाबंदी

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 19 सित॰
  • 2 मिनट पठन

अपडेट करने की तारीख: 20 सित॰

ree

एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) ने भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में खेले गए तनावपूर्ण मुकाबले के बाद पैदा हुई राजनीतिक नासमझी को शांत करने के प्रयास में एक नया कदम उठाया है। परिषद ने पत्रकारों को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राजनीतिक सवाल पूछने से सख्त मना करते हुए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। यह फैसला खासकर उस विवाद के मद्देनजर लिया गया है, जो भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव द्वारा टॉस के समय अपने पाकिस्तानी समकक्ष सलमान अली आगा से हाथ न मिलाने के कारण शुरू हुआ था। भारतीय टीम ने पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों के सम्मान में मैच के बाद भी विरोधी खिलाड़ियों से हाथ नहीं मिलाने का फैसला किया था, जिससे दोनों देशों के बीच क्रिकेट के मंच पर भी तनाव का माहौल बन गया।


एसीसी के मीडिया विभाग पर पहले से ही विवाद के प्रबंधन को लेकर आलोचनाएं हो रही हैं और इसे लेकर जांच भी जारी है। इस कारण परिषद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पत्रकारों से राजनीतिक विषयों से जुड़े सवाल पूछने से परहेज करने को कहा है। इसी के तहत, बीते बृहस्पतिवार को जब स्पिनर कुलदीप यादव की प्रेस कॉन्फ्रेंस होनी थी, तो एसीसी के एक मीडिया अधिकारी ने भारतीय मीडिया को विशेष तौर पर आग्रह किया कि वे किसी भी राजनीतिक या विवादास्पद विषय पर सवाल न उठाएं।


इस कदम को कुछ विशेषज्ञ नुकसान की भरपाई के तौर पर भी देख रहे हैं, क्योंकि इससे पहले इस सप्ताह यूएई के कप्तान मुहम्मद वसीम से पाकिस्तान टीम के मैच में देरी से पहुंचने को लेकर कई बार सवाल पूछे गए थे, जो विवाद को और भड़का सकते थे।


वहीं, इस पूरे घटनाक्रम के बीच इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) बोर्ड के एक वरिष्ठ सदस्य ने सवाल उठाया है कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) की टीम के सदस्य प्रशिक्षण के लिए तो मौजूद थे, लेकिन मैच से पहले आयोजित अनिवार्य प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनकी उपस्थिति क्यों नहीं थी। इस सदस्य ने कहा कि अगर किसी टीम के पास कोई संक्रामक बीमारी हो या टीम शोक में हो तो उनकी गैरमौजूदगी समझ में आती है, लेकिन ऐसी कोई स्थिति नहीं होने के बावजूद पाकिस्तान टीम का न आना संदिग्ध है।


यह प्रेस कॉन्फ्रेंस पाकिस्तान और यूएई के बीच मैच से पहले आयोजित की जानी थी, लेकिन पाकिस्तान की ओर से इसमें हिस्सा नहीं लिया जाना भी चर्चा का विषय बना हुआ है। इस तरह के राजनीतिक और कूटनीतिक तनाव क्रिकेट के खेल को प्रभावित कर रहे हैं, और क्रिकेट संगठनों के लिए यह चुनौती बनी हुई है कि वे खेल के मैदान को विवादों से दूर रखें और खेल को एकता और सौहार्द्र का माध्यम बनाएं।

bottom of page