उत्तराखंड की महिलाओं के लिए सौगात, 7 हजार आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 20 मई से सौंपे जाएंगे नियुक्ति पत्र
- ANH News
- 10 मई
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उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं के लिए बड़ी खबर है। 20 मई से 7,000 से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को नियुक्ति पत्र देने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री, रेखा आर्या ने शुक्रवार को विधानसभा भवन स्थित सभागार में विभागीय योजनाओं की समीक्षा बैठक के दौरान इस प्रक्रिया के शुरू होने का ऐलान किया।
बैठक में मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आंगनबाड़ी केंद्रों में कार्यकर्ता और सहायिकाओं की नियुक्ति के लिए 12 जिलों में अंतिम चयन सूची पहले ही जारी की जा चुकी है, जबकि हरिद्वार जिले की सूची इस सप्ताह जारी होगी। मंत्री ने अधिकारियों से यह भी कहा कि वे चयन सूची पर आपत्तियां जल्द प्राप्त कर उनका शीघ्र निस्तारण करें ताकि 20 मई से नियुक्ति पत्र प्रदान किए जा सकें।
नंदा-गौरा योजना में बदलाव: ग्रेजुएशन के बाद भी मिलेगा आर्थिक सहायता
बैठक के दौरान महिला मंत्री ने नंदा-गौरा योजना के स्वरूप में बदलाव की भी घोषणा की। इस योजना में लाभार्थी बालिकाओं को 12वीं कक्षा के बाद ग्रेजुएशन करने पर 51,000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। अब, इस योजना में यह बदलाव किया जा रहा है कि ग्रेजुएशन के बाद भी बालिकाओं को सम्मानजनक आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसके अलावा, यदि कोई बालिका 12वीं के बाद किसी स्किल बेस्ड कोर्स को पूरा करती है, तो उसे भी आर्थिक सहायता दी जाएगी। इस बदलाव के तहत अधिकारियों को जल्द प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।
महिला कल्याण कोष से त्वरित राहत की योजना
महिला कल्याण कोष के संदर्भ में मंत्री ने बताया कि इस कोष में आबकारी विभाग से मिलने वाले शुल्क का उपयोग किया जाएगा। इस कोष के माध्यम से आपदा या हादसे में अनाथ हुए बच्चों, दिव्यांग बच्चों और महिलाओं को संकट के समय त्वरित आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। मंत्री ने कहा कि इस सहायता के लिए आवेदन की प्रक्रिया सरल होगी, और राशि 5,000 से 25,000 रुपये तक होगी। आवेदन प्रक्रिया सप्ताहभर के भीतर पूरी की जा सकेगी।
बैठक के दौरान मंत्री ने मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि इस योजना को कैबिनेट ने पहले स्वीकृति दी थी, लेकिन कुछ संशोधनों के कारण इसे फिर से कैबिनेट में लाने की आवश्यकता पड़ी। संशोधनों में रिकवरी के लिए छह महीने का समय और अन्य सुधार शामिल हैं, जिन्हें शीघ्र कैबिनेट में पेश किया जाएगा।





