उत्तराखंड में अग्निवीरों के लिए बड़ी खुशखबरी, सेवा अवधि के बराबर मिलेगी छूट
- ANH News
- 15 अग॰
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प्रदेश में पूर्व अग्निवीरों को समूह ‘ग’ की सभी वर्दीधारी सेवाओं में 10 प्रतिशत आरक्षण मिलने जा रहा है। इस फैसले के तहत अग्निवीरों को सीधी भर्ती प्रक्रिया में शारीरिक दक्षता परीक्षा से भी छूट दी जाएगी। साथ ही, उन्हें भारतीय सेना में अग्निवीर के रूप में सेवा की कुल अवधि के अनुसार अधिकतम आयु सीमा में छूट भी प्रदान की जाएगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूर्व अग्निवीरों को सरकारी सेवाओं में आरक्षण देने की घोषणा की थी, जिसे प्रभावी बनाने के लिए सचिव सैनिक कल्याण दीपेंद्र चौधरी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था। इस समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपने के बाद, सैनिक कल्याण विभाग ने प्रदेश की सभी वर्दीधारी सेवाओं में पूर्व अग्निवीरों के लिए 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का प्रस्ताव कैबिनेट के समक्ष रखा।
इस प्रस्ताव के तहत पूर्व अग्निवीरों को पुलिस विभाग में आरक्षी, उप निरीक्षक, प्लाटून कमांडर, अग्निशामक, अग्निशमन अधिकारी द्वितीय, कारागार विभाग में बंदी रक्षक, उप कारागारपाल, वन विभाग में वन आरक्षी, वन दरोगा, आबकारी विभाग में आबकारी सिपाही, परिवहन विभाग में प्रवर्तन सिपाही और सचिवालय सेवा में सचिवालय रक्षक के पदों पर आरक्षण दिया जाएगा। कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
यह भी स्पष्ट किया गया है कि अग्निपथ योजना के तहत चार वर्षों की सेवा पूरी करने वाले प्रमाण पत्र धारक अग्निवीरों को ही इस आरक्षण का लाभ मिलेगा।
सरकार के इस निर्णय से वर्ष 2026 में अग्निपथ योजना के तहत भर्ती होने वाले लगभग 850 अग्निवीरों को इसका लाभ मिलेगा। प्रदेश में वर्तमान में वर्दीधारी सेवाओं में 25 हजार से अधिक पद हैं, जिनमें अधिकतर पद पुलिस विभाग में हैं। यह कदम पूर्व अग्निवीरों को सरकारी सेवाओं में बेहतर अवसर प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।





