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AIIMS ने रचा इतिहास, चार साल में 36 पायदान की छलांग, अब देश में 13वें स्थान पर

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 5 सित॰
  • 3 मिनट पठन

अपडेट करने की तारीख: 6 सित॰

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अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), ऋषिकेश ने चिकित्सा के क्षेत्र में अपनी उत्कृष्ट सेवाओं और शैक्षणिक गुणवत्ता के बल पर एक बार फिर देश में अपनी अलग पहचान बनाई है। हाल ही में जारी राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) 2025 की सूची में एम्स ऋषिकेश को चिकित्सा संस्थानों की श्रेणी में 13वां स्थान प्राप्त हुआ है। यह संस्थान के लिए गर्व का विषय है, क्योंकि इससे पूर्व यह संस्थान 2024 की रैंकिंग में 24वें पायदान पर था।


एम्स ऋषिकेश को सभी शैक्षणिक संस्थानों की संयुक्त सूची में 78वां स्थान भी मिला है, जो इसकी सर्वांगीण प्रगति का परिचायक है।


चार वर्षों में 36 पायदान की छलांग

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एम्स ऋषिकेश की रैंकिंग में पिछले चार वर्षों के दौरान शानदार सुधार देखा गया है।

वर्ष 2022 में संस्थान 49वें स्थान पर था।

वर्ष 2023 में 22वें पायदान पर पहुँच गया।

वर्ष 2024 में यह 24वें स्थान पर रहा, और

अब 2025 में यह 13वें स्थान पर आकर शीर्ष चिकित्सा संस्थानों में शुमार हो गया है।


यह 36 पायदान का उन्नयन संस्थान के सतत विकास, उन्नत चिकित्सा सुविधाओं और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का परिणाम है।


संस्थान का इतिहास और विकास यात्रा

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एम्स ऋषिकेश की आधारशिला 1 फरवरी 2004 को तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा रखी गई थी।

27 मई 2013 से ओपीडी (बाह्य रोगी विभाग) की सेवाएं शुरू की गईं।

30 दिसंबर 2013 को आईपीडी (आंतरिक रोगी विभाग) की शुरुआत हुई।

सितंबर 2012 से यहां एमबीबीएस पाठ्यक्रम प्रारंभ किया गया।

वर्ष 2014 में नर्सिंग कॉलेज की स्थापना हुई।


स्थापना के बाद से एम्स ऋषिकेश ने चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में कई नए आयाम स्थापित किए हैं। अब तक संस्थान से 824 एमबीबीएस डॉक्टर देश की सेवा में समर्पित हो चुके हैं।


शैक्षणिक ढांचा और पाठ्यक्रम

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वर्तमान में एम्स ऋषिकेश के मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 125 सीटें उपलब्ध हैं। इसके अतिरिक्त, संस्थान में निम्नलिखित उच्च शिक्षा पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं:

एमडी, एमएस, एमडीएस

डीएम, एमसीएच

पीएचडी, मास्टर ऑफ पब्लिक हेल्थ

एमएससी नर्सिंग, बीएससी एलाइड हेल्थ


कुल 305 स्वीकृत फैकल्टी पदों में से वर्तमान में 214 फैकल्टी सदस्य कार्यरत हैं, जिनमें शामिल हैं:

60 प्रोफेसर

64 एडिशनल प्रोफेसर

60 एसोसिएट प्रोफेसर

30 असिस्टेंट प्रोफेसर


भविष्य की योजनाएं

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संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह के अनुसार, एम्स ऋषिकेश के विस्तार हेतु राज्य सरकार से 200 एकड़ भूमि दिए जाने का प्रस्ताव है। भूमि उपलब्ध होने पर निम्नलिखित सुविधाओं की स्थापना की योजना है:

उन्नत बाल चिकित्सा केंद्र

कैंसर उपचार केंद्र

हृदय एवं फेफड़ा रोग केंद्र

ट्रांसप्लांट सेंटर

उन्नत नेत्र विज्ञान केंद्र

अंतरराष्ट्रीय सिमुलेशन केंद्र

फार्मेसी संस्थान

दंत चिकित्सा महाविद्यालय

कार्डियक और न्यूरोसाइंस केंद्र

नया प्रशासनिक व एकेडमिक ब्लॉक

पैरा मेडिकल साइंस संस्थान

रिसर्च सेंटर

पर्वतीय चिकित्सा विभाग

3000 बिस्तरों की क्षमता वृद्धि


क्या है एनआईआरएफ रैंकिंग?

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राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की एक प्रमुख पहल है, जिसके अंतर्गत देश के विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और तकनीकी संस्थानों को विभिन्न मानकों के आधार पर रैंकिंग दी जाती है। यह मानक निम्नलिखित होते हैं:

शिक्षण और अधिगम संसाधन

अनुसंधान और व्यावसायिक प्रथाएं

स्नातक परिणाम

समावेशिता और विविधता

धारणा (Perception)


नेतृत्व की प्रतिक्रिया

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प्रो. मीनू सिंह, निदेशक, एम्स ऋषिकेश ने इस उपलब्धि पर कहा “सभी के सामूहिक प्रयासों से हम निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर हैं। यह पूरी टीम की कड़ी मेहनत और समर्पण का परिणाम है कि नए एम्स में हम लगातार दूसरी बार शीर्ष स्थान पर पहुंचे हैं। मरीजों को बेहतर उपचार देने के लिए हर संभव प्रयास किए जाते हैं।

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