ऐश्वर्या रावत की राजनीतिक पारी शुरू, बनी महिला आयोग की उपाध्यक्ष
- ANH News
- 4 अप्रैल
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केदारनाथ विधानसभा की पूर्व विधायक स्व. शैलारानी रावत की बेटी ऐश्वर्या रावत ने राजनीति में कदम रखते हुए महिला आयोग की उपाध्यक्ष के रूप में अपनी नई पारी की शुरुआत कर दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें इस महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त किया है। ऐश्वर्या ने अपनी नियुक्ति पर सरकार और मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वह इस जिम्मेदारी को निष्ठा के साथ निभाएंगी और खासकर जरूरतमंद महिलाओं की मदद करने का प्रयास करेंगी।
स्व. शैलारानी रावत के निधन के बाद से यह सवाल उठने लगा था कि उनकी राजनीतिक विरासत को कौन संभालेगा। पिछले वर्ष 9 जुलाई को शैलारानी रावत के निधन के बाद ऐश्वर्या रावत को केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव में एक प्रबल दावेदार माना गया था। हालांकि, इसके बावजूद उन्होंने भाजपा के कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से भाग लिया और पार्टी कार्यों में योगदान दिया।
ऐश्वर्या रावत ने इस अवसर पर कहा कि वह अपनी दिवंगत मां के सपनों और अधूरे कार्यों को पूरा करने का प्रयास करेंगी। उन्होंने महिला आयोग की उपाध्यक्ष के रूप में अपनी प्राथमिकताओं को स्पष्ट करते हुए कहा कि वह महिलाओं के अधिकारों के लिए कार्य करेंगी। उनका कहना था कि महिलाएं अपनी शिक्षा, योग्यता और संस्कारों पर विश्वास करके समाज में आगे बढ़ें, तभी उनके प्रति होने वाले अपराधों में कमी आएगी और समाज का दृष्टिकोण बदलेगा।
उन्होंने घरेलू हिंसा की समस्या को गंभीर बताते हुए इसे रोकने के लिए महिलाओं को जागरूक करने पर जोर दिया। साथ ही, नाबालिग विवाह को लेकर चिंताओं का इजहार करते हुए इस मुद्दे पर गहरे विचार-विमर्श की आवश्यकता बताई। ऐश्वर्या ने कहा कि राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष के रूप में उनका उद्देश्य महिलाओं के लिए एक सशक्त और सुरक्षित समाज बनाना है, जहां वे बिना डर और भेदभाव के अपनी जिंदगी जी सकें।
ऐश्वर्या रावत की इस नियुक्ति को एक नए राजनीतिक दौर की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें वह अपनी मां की दिशा और दृष्टि का अनुसरण करते हुए समाज में महिलाओं के हितों के लिए काम करेंगी।





