अंकिता भंडारी हत्याकांड: 18 सितंबर की वो काली रात...आज मिला न्याय, कब क्या हुआ पूरा जानें
- ANH News
- 31 मई
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बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में कोटद्वार स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (एडीजे कोर्ट) ने आज महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। अदालत ने रिजॉर्ट मालिक पुलकित आर्य, उसके कर्मचारी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को हत्या के गंभीर आरोपों में दोषी पाया। तीनों आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धाराओं 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य नष्ट करना), 354 (छेड़छाड़) के तहत दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। साथ ही तीनों को 50-50 हजार रुपये का अर्थदंड तथा अंकिता के परिवार को चार लाख रुपये मुआवजे के तौर पर देने का आदेश दिया गया है।
अदालत परिसर में कड़ी सुरक्षा, भीड़ ने बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की
फैसले के ऐलान से पहले न्यायालय परिसर में भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। कुछ लोग अदालत तक पहुंचने के लिए पुलिस द्वारा लगाई गई बैरिकेडिंग तोड़ने का प्रयास भी कर रहे थे। पुलिस ने पूरी ताकत से भीड़ को काबू में रखा। पूरे उत्तराखंड और देश की नजरें इस फैसले पर टिकी थीं, जिसके चलते कोटद्वार में पुलिस प्रशासन ने विशेष सुरक्षा प्रबंध किए।
सुनवाई का लंबा दौर, 2 साल 8 महीने चली न्यायिक प्रक्रिया
अंकिता भंडारी हत्याकांड की पहली सुनवाई 30 जनवरी 2023 को कोटद्वार के एडीजे कोर्ट में हुई थी। अभियोजन पक्ष की ओर से 500 पेज का आरोपपत्र दाखिल किया गया था। 28 मार्च 2023 से मामले की गवाहियां शुरू हुईं, जिसमें करीब 47 गवाहों को अदालत में पेश किया गया। एसआईटी ने इस मामले में कुल 97 गवाह बनाए थे। सुनवाई लगभग दो साल आठ महीने चली।
माता-पिता का बयान: ‘हम चाहते थे मौत की सजा’
फैसले से खुश न होकर अंकिता के माता-पिता ने कहा कि जिन लोगों ने उनकी बेटी को मौत दी, उन्हें भी मौत की सजा मिलनी चाहिए। उनका कहना है कि इस घटना ने उनका परिवार बर्बाद कर दिया है। वे इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करने का मन बना रहे हैं।
कड़े सुरक्षा प्रबंध, अदालत परिसर के आस-पास निषेधाज्ञा लागू
कोटद्वार पुलिस अधीक्षक रमेश तनवार ने बताया कि अदालत परिसर में पौड़ी, देहरादून, हरिद्वार, टिहरी और उत्तरकाशी से भारी पुलिस बल, अधिकारियों और डेढ़ कंपनी पीएसी के जवान तैनात किए गए हैं। कोर्ट परिसर के 200 मीटर के दायरे में निषेधाज्ञा लागू की गई है। एसडीएम कोटद्वार सोहन सिंह सैनी ने धारा 163 के तहत 4 मजिस्ट्रेट तैनात किए हैं। यहां नारेबाजी, धरना-प्रदर्शन और समूह में प्रवेश पूर्णतः प्रतिबंधित है।
केस का संक्षिप्त विवरण:
20 सितंबर 2022: पुलकित आर्य ने अंकिता के गुमशुदा होने की शिकायत दर्ज कराई।
22 सितंबर 2022: जिलाधिकारी के आदेश से जांच लक्ष्मणझूला थाने को सौंपी गई।
जांच में पता चला: आरोपियों ने 18 सितंबर को अंकिता की हत्या कर नहर में शव फेंका।
हत्या का कारण: आरोप है कि अंकिता पर अनैतिक संबंध बनाने का दबाव था, जिसे वह नहीं मान रही थी।
24 सितंबर 2022: अंकिता का शव चीला नहर से बरामद किया गया, पोस्टमार्टम किया गया।
26 सितंबर 2022: पुलिस ने आरोपियों को कस्टडी में लेकर क्राइम सीन रिक्रिएट किया।
16 दिसंबर 2022: हत्या, साक्ष्य नष्ट करने, छेड़छाड़ और अनैतिक देह व्यापार अधिनियम के तहत चार्जशीट दाखिल की गई।
30 मई 2025: आज एडीजे कोर्ट ने तीनों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई।





