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Rishikesh AIIMS: कैंसर का इलाज अब और भी आसान, एम्स में शुरू हुई पीईटी-सीटी मशीन

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 22 फ़र॰
  • 2 मिनट पठन


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ऋषिकेश: अब एम्स में कैंसर रोग की जांच और उपचार के लिए अत्याधुनिक पीईटी-सीटी मशीन (पॉजिट्रॉन एमिशन टोमोग्राफी और कंप्यूटेड टोमोग्राफी) की सुविधा उपलब्ध होगी। एम्स प्रशासन ने इस अत्याधुनिक मशीन की खरीद कर ली है, और उम्मीद जताई जा रही है कि मार्च 2025 से यह मशीन कार्य करना शुरू कर देगी। इस तकनीकी विकास से कैंसर मरीजों को बड़ी राहत मिलने की संभावना है, क्योंकि यह मशीन शुरुआती चरण में कैंसर का पता लगाने में अत्यधिक प्रभावी साबित होती है।


एम्स ऋषिकेश के न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग में यह पीईटी-सीटी मशीन स्थापित की गई है, जो कैंसर के निदान और उपचार में अत्यधिक सहायक होगी। पहले, कैंसर के रोगियों की जांच के लिए एमआरआई और सीटी स्कैन जैसी विधियों का उपयोग किया जाता था। हालांकि, विशेषज्ञों के अनुसार, इन तकनीकों से कैंसर का प्रारंभिक चरण पहचानने में 40 से 45 प्रतिशत मामलों में कठिनाई होती है। इसके विपरीत, पीईटी-सीटी मशीन प्रारंभिक चरण में कैंसर की पहचान अधिक प्रभावी रूप से करती है। इसके अलावा, यह मशीन कैंसर के उपचार में भी अहम भूमिका निभाती है, क्योंकि यह प्रभावित कोशिकाओं को टारगेट करती है और अन्य अंगों या कोशिकाओं पर कोई दुष्प्रभाव नहीं डालती।


नवंबर 2023 में परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड से इस मशीन की खरीद और स्थापना के लिए मंजूरी मिल गई थी, और अब एम्स उत्तराखंड का पहला सरकारी चिकित्सा संस्थान बन गया है, जहां इस तकनीक का उपयोग कैंसर की जांच और उपचार के लिए किया जाएगा।


इस मशीन का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह केवल कैंसर से प्रभावित कोशिकाओं को ही लक्षित करती है, जबकि अन्य उपचार विधियों में कैंसर प्रभावित अंगों के अलावा अन्य अंगों पर भी असर पड़ सकता है। पीईटी-सीटी मशीन का यह विशेष गुण इसे कैंसर उपचार के क्षेत्र में बेहद प्रभावी और सुरक्षित बनाता है।


इसकी स्थापना प्रक्रिया तेजी से चल रही है, और एम्स प्रशासन पूरी कोशिश कर रहा है कि मार्च से यह सुविधा मरीजों के लिए उपलब्ध हो जाए।

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