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Uttarakhand: UCC नियमों में बदलाव, नाबालिगों के विवाह का नहीं होगा रजिस्ट्रेशन

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 6 जुल॰
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उत्तराखण्ड सरकार समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के अंतर्गत विवाह पंजीकरण नियमावली में एक महत्वपूर्ण बदलाव करने जा रही है। इस बदलाव के तहत मार्च 2010 के बाद जिन विवाहों में किसी एक साथी की उम्र उस समय नाबालिग थी, लेकिन अब दोनों साथी 22 वर्ष या उससे अधिक के हो चुके हैं और उनका जीवन शांतिपूर्ण चल रहा है, ऐसे विवाहों का पंजीकरण किया जाएगा।


यह छूट केवल उन विवाहों के लिए होगी जो समान नागरिक संहिता लागू होने से पहले हुए थे, यानी 27 जनवरी 2025 से पहले के विवाहों पर ही यह सुविधा मिलेगी। नए विवाहों के लिए नियमों में कोई छूट नहीं दी जाएगी।


समान नागरिक संहिता लागू करने के बाद बने नियम और उनकी समस्या

उत्तराखण्ड सरकार ने 27 जनवरी 2025 से समान नागरिक संहिता लागू कर दी है। इस संहिता के तहत 27 मार्च 2010 के बाद हुए सभी विवाहों का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया था। नियमावली में यह स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि यदि विवाह के समय जोड़ों में से कोई साथी नाबालिग था, तो उस विवाह का पंजीकरण नहीं किया जाएगा।


लेकिन ऐसे कई विवाह जो समान नागरिक संहिता लागू होने से पहले हुए थे, उनमें किसी साथी की उम्र नाबालिग होने के कारण उनके विवाह का पंजीकरण अब तक नहीं हो पाया है। इनमें से अधिकांश जोड़े अब बालिग हो चुके हैं, फिर भी नियमों के कारण उनकी समस्या बनी हुई थी।


मुख्य सचिव की बैठक में उठी समस्या, गृह विभाग करेगा संशोधन

हाल ही में मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में आयोजित एक बैठक में इस मसले पर विस्तार से चर्चा हुई। इस चर्चा के बाद गृह विभाग ने नियमावली में आवश्यक संशोधन करने का निर्णय लिया है।


नए प्रस्ताव के अनुसार, यदि 27 जनवरी 2025 के बाद ऐसे जोड़े के दोनों साथी 22 वर्ष या उससे अधिक आयु के हो गए हैं, तो उनके विवाह का पंजीकरण किया जाएगा। इस छूट का लाभ केवल उन जोड़ों को मिलेगा जिनका विवाह समान नागरिक संहिता लागू होने से पहले हुआ है।


गृह सचिव शैलेश बगौली का बयान

गृह सचिव शैलेश बगौली ने बताया कि यह संशोधन केवल उन विवाहों के लिए है जो संहिता लागू होने से पहले हुए थे और जिनमें कोई साथी नाबालिग था। इसका उद्देश्य उन परिवारों को विधिक पहचान देना है जो अभी तक पंजीकरण की बाधा के कारण अपनी वैवाहिक स्थिति को आधिकारिक रूप से प्रमाणित नहीं कर पाए थे।

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