केदारनाथ यात्रा मार्ग पर अस्वस्थ घोड़ा-खच्चरों पर रोक, वायरस को लेकर पशुपालन विभाग सख्त
- ANH News
- 8 मई
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देहरादून। केदारनाथ यात्रा मार्ग पर अस्वस्थ घोड़ा-खच्चरों को अब यात्रा में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह जानकारी पशुपालन विभाग के सचिव डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में प्रेस वार्ता के दौरान दी। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों द्वारा घोड़ा-खच्चरों पर लगी रोक को आगे बढ़ाने का अनुरोध भी किया गया है, जिसे विभाग गंभीरता से ले रहा है।
16 हजार घोड़ा-खच्चरों की सैंपलिंग, नहीं मिला संक्रमण
डॉ. पुरुषोत्तम ने बताया कि 4 अप्रैल 2025 से अब तक कुल 16,000 घोड़ा-खच्चरों की सैंपलिंग की जा चुकी है। 26 मार्च को राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान संस्थान द्वारा रुद्रप्रयाग जिले के दो गांवों में की गई सैंपलिंग में एक्वाइन इन्फ्लूएंजा वायरस के कुछ पॉजिटिव केस सामने आए थे। इसके बाद 152 घोड़ा-खच्चरों के सैंपल RT-PCR जांच के लिए भेजे गए, लेकिन कोई भी सैंपल पॉजिटिव नहीं मिला।
दो दिन में 13 घोड़ा-खच्चरों की मौत, मौतों के कारणों की जांच जारी
यात्रा के दो दिनों के भीतर ही 13 घोड़ा-खच्चरों की मौत हो चुकी है, जिनमें से 8 की मौत डायरिया और 5 की मौत एक्यूट कोलिक (आंतों की गंभीर बीमारी) के कारण हुई। मृत पशुओं के सैंपल आईवीआरआई बरेली भेजे गए हैं, ताकि मौत के सही कारणों का पता लगाया जा सके।
यात्रा मार्ग पर 22 से अधिक पशु चिकित्सक तैनात
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए विभाग ने यात्रा मार्ग पर 22 से अधिक पशु चिकित्सकों की तैनाती की है। इसमें मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, दो उप मुख्य अधिकारी, राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक, तथा पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के दो विशेषज्ञ भी शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश से आने वाले घोड़ा-खच्चरों पर रोक
हर साल यात्रा मार्ग पर उत्तर प्रदेश से लगभग 2,000 से 3,000 घोड़ा-खच्चर आते हैं। लेकिन इस वर्ष एक्वाइन इन्फ्लूएंजा वायरस के खतरे को देखते हुए यूपी से आने वाले सभी पशुओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। हालांकि, यह वायरस जानवरों से इंसानों में नहीं फैलता, लेकिन घोड़ा-खच्चरों में यह अत्यधिक संक्रामक होता है।
600 संक्रमित पशुओं के लिए बनाए गए क्वारंटीन सेंटर
पशुपालन विभाग ने 600 संक्रमित या संदिग्ध घोड़ा-खच्चरों के लिए विशेष क्वारंटीन सेंटर स्थापित किए हैं। इसके अलावा यात्रा के विभिन्न पड़ावों पर भी इन्हें क्वारंटीन किया जाएगा, ताकि संक्रमण को नियंत्रित किया जा सके और यात्रा सुचारू बनी रहे।