उत्तराखंड में लागू हुआ UCC, सीएम धामी बोले— हलाला, बहुविवाह और तीन तलाक पर अब पूर्ण विराम
- ANH News
- 27 मई
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नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित मुख्यमंत्री परिषद की बैठक में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code - UCC) पर प्रदेश सरकार द्वारा किए गए कार्यों का विस्तारपूर्वक प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में यूसीसी को लागू करने के लिए मजबूत, पारदर्शी और तकनीकी रूप से सक्षम प्रणाली का निर्माण किया गया है।
ग्रामीण जनता से जबरदस्त समर्थन
सीएम धामी ने बताया कि यूसीसी को लेकर प्रदेशवासियों में खासा उत्साह है। केवल चार महीनों की अवधि में ही 1.5 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें 98 प्रतिशत आवेदन ग्रामीण क्षेत्रों से आए हैं। यह आंकड़ा दर्शाता है कि सामाजिक समानता की दिशा में गांव-गांव तक जागरूकता और समर्थन तेजी से बढ़ रहा है।
डिजिटल इकोसिस्टम से सहज हुई प्रक्रिया
मुख्यमंत्री ने बताया कि यूसीसी प्रक्रिया को सरल और सुलभ बनाने के लिए एक विशेष पोर्टल और मोबाइल एप विकसित किया गया है। इसके साथ ही, 14,000 से अधिक जन सेवा केंद्रों (CSC) को इस प्रणाली से जोड़ा गया है, ताकि दूरदराज के क्षेत्रों में भी लोग आवेदन कर सकें।
पंजीकरण के दौरान उत्पन्न होने वाली समस्याओं के समाधान के लिए ऑटो-एस्केलेशन और ग्रीवेंस रिड्रेसल सिस्टम भी लागू किया गया है, जिससे हर शिकायत पर त्वरित और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।
राजनीतिक प्रतिबद्धता से नीति निर्माण तक
सीएम धामी ने बताया कि भाजपा ने वर्ष 2022 के विधानसभा चुनावों में यूसीसी को अपने दृष्टिपत्र में शामिल किया था और सरकार बनते ही इस पर काम शुरू कर दिया गया।
7 फरवरी, 2024 को विधानसभा में यूसीसी विधेयक पारित किया गया, जिसे 11 मार्च, 2024 को राष्ट्रपति की स्वीकृति मिली। आवश्यक नियमावली और प्रक्रियाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा करते हुए, 27 जनवरी, 2025 को पूरे उत्तराखंड में यूसीसी को लागू कर दिया गया।
यूसीसी: महिला सशक्तीकरण और सामाजिक समानता की दिशा में बड़ा कदम
सीएम धामी ने कहा कि यूसीसी का मुख्य उद्देश्य भारत के संविधान में प्रदत्त समानता के अधिकार को व्यवहारिक रूप देना है। यह कानून जाति, धर्म, लिंग आदि के आधार पर कानूनी भेदभाव को समाप्त करता है।
यूसीसी लागू होने से हलाला, बहुविवाह, बाल विवाह और तीन तलाक जैसी कुप्रथाओं पर पूर्ण रोक लगाई गई है। साथ ही, यह कानून महिलाओं को समान अधिकार देकर महिला सशक्तीकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम है।
जनजातीय परंपराओं का संरक्षण
संविधान के अनुच्छेद 342 के तहत वर्णित अनुसूचित जनजातियों को यूसीसी के दायरे से बाहर रखा गया है, जिससे उनकी पारंपरिक रीति-रिवाजों और सांस्कृतिक पहचान का संरक्षण सुनिश्चित हो सके।
बेटियों और बुजुर्गों को संपत्ति में समान अधिकार
यूसीसी के तहत, सभी धर्मों और समुदायों में बेटियों को संपत्ति में समान अधिकार प्रदान किए गए हैं।
साथ ही, लिव-इन संबंधों में जन्मे बच्चों को भी वैध संतान की तरह संपत्ति में बराबरी का अधिकार दिया गया है।
बच्चों की संपत्ति में माता-पिता को अधिकार मिलने से बुजुर्गों की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को आभार
सीएम धामी ने यूसीसी को सफलतापूर्वक लागू करने में मार्गदर्शन और सहयोग के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि यह कानून "विकसित भारत" की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण आधारशिला है।





