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उत्तराखंड के अनाथ बच्चों को मिला नया परिवार, 174 को नया परिवार मिला, 23 को विदेश में लिया गोद

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 7 मई
  • 2 मिनट पठन
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उत्तराखंड के विभिन्न शहरों में बिना माता-पिता के पल रहे 174 बच्चों को अब नया परिवार मिला है, जो उनके जीवन में एक नई उम्मीद और खुशहाली लेकर आया है। इनमें से 23 बच्चों को विदेशों में गोद लिया गया है, जिनमें तीन बच्चे दिव्यांग हैं। इसके अलावा, 151 बच्चों को देश के विभिन्न राज्यों में दत्तक ग्रहण किया गया है। इस प्रक्रिया को केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (CARA) द्वारा व्यवस्थित और संचालित किया जाता है, जो बच्चों के उचित दत्तक ग्रहण की गारंटी देता है।


वर्तमान में, उत्तराखंड के देहरादून, हरिद्वार और अल्मोड़ा स्थित विशेष दत्तक ग्रहण एजेंसी (SAA) के केंद्रों पर 22 बच्चे दत्तक ग्रहण की प्रक्रिया में हैं। राज्य के महिला एवं बाल कल्याण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस समय राज्य में करीब 170 दत्तक ग्रहण के आवेदन लंबित हैं। इन लंबित मामलों में प्रक्रिया का समय आमतौर पर लगभग दो साल का होता है, क्योंकि बच्चों के सही परिवारों को ढूंढने में समय लगता है और दत्तक ग्रहण प्रक्रिया काफी संवेदनशील होती है।


सामान्य प्रक्रिया के तहत, पांच साल तक के बच्चों को गोद दिया जाता है, जिनके माता-पिता नहीं हैं या जिन्होंने अपने बच्चों को त्याग दिया है। जिन 23 बच्चों को विदेशों में गोद लिया गया है, वे मुख्य रूप से कनाडा, स्पेन, इटली, जर्मनी, बेल्जियम, नीदरलैंड्स और फ्रांस जैसे देशों में गए हैं। यह कदम बच्चों को एक अच्छे और सुरक्षित जीवन की ओर अग्रसर करता है, वहीं उनके लिए एक स्थिर और प्यार भरा परिवार उपलब्ध कराता है।


इस प्रक्रिया के तहत बच्चों को गोद लेने के बाद उनकी भलाई, स्वास्थ्य, शिक्षा और मानसिक विकास की पूरी जिम्मेदारी उनके नए परिवार द्वारा ली जाती है। यह दत्तक ग्रहण प्रक्रिया न केवल बच्चों के जीवन में बदलाव लाती है, बल्कि उन परिवारों के लिए भी एक अवसर प्रदान करती है जो बच्चे गोद लेना चाहते हैं और उनके जीवन में एक नई खुशहाली लाना चाहते हैं।

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