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धराली त्रासदी में अब पानी नहीं अँधेरा, कीचड़ बन रहा रोड़ा, बचाव दल के लिए चुनौतियां

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 5 अग॰
  • 3 मिनट पठन
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उत्तराखंड में प्रकृति का कहर एक बार फिर विकराल रूप में सामने आया है। उत्तरकाशी जनपद के धराली गांव में सोमवार देर रात बादल फटने की भयावह घटना हुई, जिससे खीरगंगा क्षेत्र में अचानक आई भीषण बाढ़ ने सब कुछ तहस-नहस कर दिया। इस आपदा में अब तक चार लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि कई अन्य के मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही है।


जैसे ही पानी का उफनता सैलाब धराली गांव की ओर बढ़ा, पूरे गांव में अफरा-तफरी मच गई। लोगों की चीख-पुकार और मदद की पुकारों से माहौल गमगीन हो गया। देखते ही देखते कई होटल, दुकानें और मकान मलबे में तब्दील हो गए। धराली बाजार पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है। सैलाब और मलबा कई होटलों के अंदर तक घुस गया, जिससे भारी जान-माल का नुकसान हुआ है।


राहत एवं बचाव कार्य जारी, सेना और एसडीआरएफ मौके पर

जिला अधिकारी (डीएम) प्रशांत आर्य ने बताया कि राहत एवं बचाव कार्यों के लिए सेना, हर्षिल से पुलिस और एसडीआरएफ की टीमें भटवाड़ी की ओर रवाना कर दी गई हैं। क्षेत्र में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के प्रयास युद्धस्तर पर जारी हैं। कई क्षेत्रों में रास्ते बंद होने के चलते राहत कार्यों में बाधाएं आ रही हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।


राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने केंद्र सरकार से दो एमआई और एक चिनूक हेलिकॉप्टर राहत एवं बचाव कार्यों में मदद के लिए तैनात करने का अनुरोध किया है।


सीएम धामी ने जताया गहरा शोक, लगातार कर रहे निगरानी

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने धराली क्षेत्र में हुई इस भीषण त्रासदी पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रभावितों के साथ पूरी तरह खड़ी है। राहत कार्यों के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, जिला प्रशासन और अन्य एजेंसियों को हरसंभव संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री स्वयं वरिष्ठ अधिकारियों के संपर्क में हैं और राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं।


बनाल पट्टी में बादल फटा, बकरियां बहीं, देहरादून समेत चार जिलों में स्कूल बंद

मंगलवार सुबह बडकोट तहसील के बनाल पट्टी क्षेत्र में भी भारी बारिश और अतिवृष्टि की वजह से कुड गदेरा उफान पर आ गया। इस गदेरे में अचानक आए सैलाब में करीब डेढ़ दर्जन बकरियां बह गईं। क्षेत्र में अफरातफरी का माहौल बन गया।


मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक डॉ. रोहित थपलियाल ने चेतावनी दी है कि 10 अगस्त तक पूरे उत्तराखंड में भारी वर्षा के आसार बने हुए हैं, विशेषकर पर्वतीय क्षेत्रों में। सुरक्षा के मद्देनजर देहरादून, पौड़ी, टिहरी और हरिद्वार जिलों में मंगलवार को सभी स्कूल बंद रखे गए हैं।


यमुनोत्री हाईवे पर 25 मीटर सड़क धंसी, गंगोत्री हाईवे भी कई जगह अवरुद्ध

बारिश के कारण राज्य के प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों पर भी संकट खड़ा हो गया है। यमुनोत्री हाईवे पर स्यानाचट्टी के पास लगभग 25 मीटर सड़क धंसने से आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया है। साथ ही, पास की पहाड़ियों से लगातार बोल्डर और मलबा गिरने का सिलसिला जारी है।


वहीं, गंगोत्री हाईवे भी मंगलवार को डबराणी, नाग मंदिर और नेताला क्षेत्रों में मलबा आने के कारण सुबह से दोपहर तक कई बार अवरुद्ध हुआ। बीआरओ और एनएच विभाग की टीमें मौके पर पहुंच कर मार्ग बहाल करने में जुटी हुई हैं। एनएच विभाग के ईई मनोज रावत ने बताया कि लगातार बारिश के चलते मार्ग खोलने में भारी दिक्कतें आ रही हैं, हालांकि छोटे वाहनों के आवागमन के लिए आंशिक रूप से रास्ता काटकर राहत देने की कोशिश की जा रही है।


उत्तरकाशी और आस-पास के क्षेत्रों में भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। प्रशासन और राहत एजेंसियों की ओर से हरसंभव मदद की जा रही है, लेकिन लगातार हो रही बारिश और दुर्गम भौगोलिक स्थिति के कारण राहत कार्यों में चुनौतियां बनी हुई हैं। राज्यवासियों से अनुरोध है कि वे मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करें और सुरक्षित स्थानों पर शरण लें।

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