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कैंपा फंड की योजनाओं की प्रगति की सीएम धामी ने की समीक्षा, दिए कई अहम दिशा-निर्देश

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 2 जुल॰
  • 3 मिनट पठन

अपडेट करने की तारीख: 3 जुल॰

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उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सचिवालय स्थित सभागार में उत्तराखण्ड कैंपा (CAMPA - क्षतिपूर्ति वनीकरण निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण) की शासी निकाय की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में कैंपा निधि से संचालित योजनाओं की वर्तमान स्थिति, प्रगति तथा भावी रणनीति पर व्यापक चर्चा की गई।


मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि कैंपा फंड का उपयोग केवल कागजी योजनाओं तक सीमित न रहकर धरातल पर वनों के सतत संरक्षण, पर्यावरणीय संतुलन, वानिकी विकास तथा वन-आश्रित समुदायों के सामाजिक-आर्थिक कल्याण के लिए प्रभावी ढंग से किया जाए।


देहरादून शहर में ग्रीन कवर बढ़ाने को केंद्र से ली जाएगी अनुमति

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि देहरादून जैसे तेजी से शहरीकरण की ओर अग्रसर शहरों में हरियाली घटती जा रही है, जो चिंता का विषय है। उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि देहरादून में हरित आवरण (Green Cover) को बढ़ाने के लिए कैंपा फंड के उपयोग की अनुमति केंद्र सरकार से प्राप्त करने की दिशा में तत्परता से कार्यवाही की जाए।


पर्वतीय क्षेत्रों में जल स्रोतों के संरक्षण पर विशेष बल

मुख्यमंत्री ने पर्वतीय जलस्रोतों के संरक्षण और पुनर्जीवन (Revival) को प्राथमिकता देने की बात कही। उन्होंने वन, पेयजल, जलागम, ग्राम्य विकास एवं कृषि विभागों को आपसी समन्वय के साथ एक संयुक्त कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए, जिससे इन जल स्रोतों का दीर्घकालिक संरक्षण सुनिश्चित हो सके।


वनाग्नि नियंत्रण हेतु आधुनिक तकनीक और सामुदायिक भागीदारी

मुख्यमंत्री धामी ने वनाग्नि की रोकथाम को राज्य की प्राथमिक जरूरतों में से एक बताया। उन्होंने निर्देश दिए कि आधुनिक तकनीकी साधनों के साथ-साथ स्थानीय समुदायों की भागीदारी से एक व्यापक रणनीति बनाई जाए, जिससे वनाग्नि की घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण संभव हो सके।


पौधरोपण में मात्र वृक्षारोपण नहीं, पौधों के संरक्षण पर भी ज़ोर

मुख्यमंत्री ने कहा कि वृक्षारोपण का उद्देश्य केवल पौधे लगाना नहीं, बल्कि उनके जीवित रहने की दर (Survival Rate) को भी सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि कैंपा निधि से संचालित परियोजनाओं की गुणवत्ता, समयबद्धता और प्रभावशीलता सुनिश्चित की जाए और इसके लिए नियमित अंतराल पर समीक्षा बैठकें आयोजित की जाएं।


हरेला पर्व पर प्रदेशभर में फलदार व औषधीय पौधों का वृक्षारोपण

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आगामी हरेला पर्व पर पूरे प्रदेश में व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण अभियान चलाया जाए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि अधिक से अधिक फलदार एवं औषधीय पौधे रोपे जाएं और इस अभियान में जनसहभागिता को अनिवार्य बनाया जाए।


उन्होंने जनता से यह भावनात्मक अपील की कि लोग "एक पेड़ माँ के नाम" के संकल्प के साथ वृक्षारोपण करें, जिससे पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ भावनात्मक जुड़ाव भी बढ़े।


गौरा देवी की जन्म शताब्दी पर विशेष पौधारोपण अभियान

मुख्यमंत्री धामी ने निर्देश दिया कि चिपको आंदोलन की प्रणेता गौरा देवी की जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में राज्य के सभी वन मंडलों में फलदार पौधों का विशेष वृक्षारोपण अभियान चलाया जाए, जिससे उनकी स्मृति चिरस्थायी बन सके।


स्थानीय समुदायों के लिए स्वरोजगार आधारित वन कार्यक्रम

बैठक में राज्य के वन मंत्री श्री सुबोध उनियाल ने भी महत्वपूर्ण सुझाव रखते हुए कहा कि वनों के संरक्षण में स्थानीय समुदायों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए स्वरोजगार एवं आजीविका आधारित कार्यक्रम प्रारंभ किए जाने चाहिए। इससे न केवल स्थानीय लोगों को आर्थिक सहयोग मिलेगा, बल्कि वे वन संसाधनों के सतत उपयोग और संरक्षण में सक्रिय भूमिका निभा सकेंगे।


उपस्थित गणमान्य एवं वरिष्ठ अधिकारी

इस अवसर पर विधायक भूपाल राम टम्टा, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव (वन) आर. के. सुधांशु, प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, प्रमुख वन संरक्षक समीर सिन्हा, सचिव श्रीमती राधिका झा, वरिष्ठ अधिकारीगण चन्द्रेश कुमार, एस. एन. पाण्डेय, तथा श्रीधर बाबू अदांकी सहित वन विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण भी बैठक में उपस्थित रहे।


कैंपा फंड का प्रभावी, पारदर्शी और धरातलीय उपयोग

उत्तराखण्ड की प्राकृतिक धरोहरों के संरक्षण और भावी पीढ़ियों को स्वच्छ पर्यावरण देने की दिशा में एक सार्थक पहल है। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में यह प्रयास राज्य को "हरित उत्तराखण्ड" बनाने की ओर एक मजबूत कदम है।

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