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CM धामी ने कार्बेट नेशनल पार्क में जंगल सफारी का लिया रोमांचक अनुभव, देखिए तस्वीरें

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 6 जुल॰
  • 2 मिनट पठन
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उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रामनगर, नैनीताल स्थित प्रसिद्ध कार्बेट नेशनल पार्क में एक रोमांचक जंगल सफारी का आनंद लिया। इस सफर के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रकृति की अनमोल विरासत और वन्यजीवन की दुर्लभ झलक का प्रत्यक्ष अनुभव किया, जो जैव विविधता और प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है। इस अनुभव ने न केवल उन्हें पर्यावरण संरक्षण की अहमियत से अवगत कराया, बल्कि राज्य में पर्यटन विकास की संभावनाओं को भी उजागर किया।


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार लगातार जंगल सफारी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है, जिससे प्रदेश की प्राकृतिक धरोहर को संरक्षित करते हुए पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है। उनका यह मानना है कि देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों की संख्या में इजाफा होने से स्थानीय युवाओं को स्वरोजगार के व्यापक अवसर मिल रहे हैं, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी लाभ पहुंच रहा है।

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इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत आयोजित वृक्षारोपण कार्यक्रम का भी उद्घाटन किया, जिसमें वन विभाग, स्थानीय जनप्रतिनिधि, पर्यावरण प्रेमी और आम नागरिकों ने मिलकर 1000 से अधिक पेड़ लगाए। यह अभियान केवल पर्यावरण संरक्षण के लिए वृक्षारोपण ही नहीं, बल्कि मातृत्व और प्रकृति के प्रति सम्मान एवं जिम्मेदारी की भावना का प्रतीक भी बन चुका है।

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कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने वन विभाग की टीम के सदस्यों से मुलाकात कर उनके समर्पित और निष्ठावान कार्यों की सराहना की। उन्होंने वन्यजीव संरक्षण और पर्यावरण सुरक्षा में वन विभाग की भूमिका को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया और कहा कि उनकी मेहनत से ही प्रदेश की जैव विविधता सुरक्षित रह सकेगी।


मुख्यमंत्री ने राज्य के पर्यटन और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए सभी हितधारकों को एकजुट होकर काम करने का आह्वान किया। उन्होंने भरोसा जताया कि उत्तराखण्ड प्राकृतिक सुंदरता के संरक्षण के साथ-साथ पर्यटन को एक स्थायी और समृद्ध क्षेत्र के रूप में विकसित करने की दिशा में निरंतर अग्रसर रहेगा।

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यह जंगल सफारी न केवल मुख्यमंत्री के लिए बल्कि प्रदेश के लिए भी पर्यटन के नए अध्याय की शुरुआत का संकेत है, जो प्राकृतिक संसाधनों और जैव विविधता के संरक्षण के साथ आर्थिक विकास को भी मजबूती देगा।

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