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मदरसों पर ताले लगाए तो नाराज हो गए कट्टरपंथी, CM धामी ने दिया जवाब

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 27 अक्टू॰
  • 2 मिनट पठन
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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मदरसों पर चल रही कार्रवाई को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जब से राज्य सरकार ने मदरसा बोर्ड को खत्म किया है और अवैध मदरसों पर ताले लगाने की कार्रवाई शुरू की है, तब से कुछ कट्टरपंथी तत्व तिलमिला गए हैं। ये लोग अब सरकार पर कीचड़ उछालने और जनमानस को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।


मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि है- यहां हर कदम पर देवस्थान, नदियां, पर्वत और ग्लेशियर हैं। ऐसे में राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि यहां के बच्चों को सही संस्कार और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले। उन्होंने कहा कि कई मदरसे बिना अनुमति के संचालित हो रहे थे, और उनमें पढ़ाई का स्तर मानक के अनुरूप नहीं था।


सीएम धामी ने बताया कि सरकार ने ऐसे 250 से अधिक मदरसों को चिन्हित कर बंद कर दिया है, जिनकी न तो कोई मान्यता थी और न ही वे सरकारी बोर्ड के पाठ्यक्रम के अनुरूप शिक्षा दे रहे थे। उन्होंने कहा कि कई मामलों में छात्रों की पहचान तक संदिग्ध पाई गई- कुछ मामलों में बांग्लादेशी और रोहिंग्या मूल के लोगों के नाम सामने आए। सरकार ने साफ कर दिया है कि 1 जुलाई 2026 के बाद जो भी मदरसे सरकारी बोर्ड के पाठ्यक्रम को नहीं अपनाएंगे, उनका पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा।


मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य किसी समुदाय को निशाना बनाना नहीं है, बल्कि राज्य में शिक्षा व्यवस्था को मजबूत और पारदर्शी बनाना है, ताकि बच्चों को एक समान और गुणवत्ता युक्त शिक्षा मिल सके। उन्होंने कहा कि “हम चाहते हैं कि देवभूमि के नौनिहालों को ऐसी शिक्षा मिले जो उन्हें सशक्त बनाए, न कि उन्हें भ्रम और कट्टरता की ओर धकेले।”


इसके साथ ही, मुख्यमंत्री धामी ने राज्य में चल रहे ‘ऑपरेशन कालनेमि’ का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि यह अभियान उन लोगों के खिलाफ चलाया जा रहा है जो साधु-संतों का वेश धारण कर धर्म के नाम पर लोगों को ठगते हैं और सनातन पर कलंक लगाने का प्रयास करते हैं। उन्होंने कहा कि अब तक इस ऑपरेशन के तहत छह हजार से अधिक मामलों में कार्रवाई की जा चुकी है और कई आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं।


मुख्यमंत्री धामी ने दोहराया कि उत्तराखंड में धार्मिक आस्था और शिक्षा दोनों का संरक्षण किया जाएगा, लेकिन किसी भी कीमत पर अवैध गतिविधियों और धार्मिक आड़ में चल रहे पाखंड को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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