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Rishikesh: पानी के अधिक बिल पर पार्षदों का विरोध, उग्र आंदोलन की चेतावनी

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 27 मार्च
  • 2 मिनट पठन

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ऋषिकेश: जलसंस्थान के समक्ष पानी के अत्यधिक बिलों को लेकर पार्षदों ने गहरी नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि पहले जो एक माह का बिल 400 रुपये आता था, वही अब बढ़कर 5,000 से 7,000 रुपये तक पहुंच गया है। पार्षदों ने जलसंस्थान से तुरंत इस समस्या का समाधान करने की मांग की है। अगर जलसंस्थान के अधिकारी इस मामले का संज्ञान नहीं लेते हैं, तो पार्षदों ने उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है।


नगर निगम के बीस बीघा, बापूग्राम, प्रगति विहार, गीतानगर, मालवीय नगर समेत अन्य क्षेत्रों के निवासी लंबे समय से पानी के अत्यधिक बिलों की शिकायत कर रहे हैं। इन क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति भी नियमित रूप से नहीं हो रही है, और लो-प्रेशर की समस्या बनी हुई है। इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए जलसंस्थान ने बुधवार को इन क्षेत्रों के निवासियों के साथ एक बैठक आयोजित की, जिसमें आधा दर्जन से अधिक पार्षद भी उपस्थित रहे।


पार्षद अनिल रावत ने बताया कि उनके क्षेत्र में लगभग छह महीने पहले पानी के मीटर लगाए गए थे, जिसके बाद से बिलों में बेतहाशा वृद्धि हुई है, जबकि पानी की खपत में कोई खास अंतर नहीं आया। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि सुमन विहार में एक महिला के घर का पानी का बिल नौ हजार रुपये आया है, जबकि उस घर में केवल एक ही व्यक्ति रहता है और उसकी पानी की खपत बहुत कम है।


बीस बीघा के पार्षद सचवीर भंडारी ने बताया कि जलसंस्थान की लापरवाही के कारण स्थानीय निवासियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पार्षदों ने जलसंस्थान से जल्द से जल्द समस्या का समाधान न होने पर उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी है।


जलसंस्थान के अधिकारियों ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि शिकायतों का निस्तारण किया जा रहा है और वे जल्द ही इन समस्याओं का समाधान करेंगे। इस बैठक में पार्षद राजेश कोठियाल, दिनेश रावत, सरोजनी थपलियाल, हर्षवर्धन रावत, मुस्कान चौधरी समेत कई अन्य पार्षद भी मौजूद थे।

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