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मनरेगा में दून ने फिर मारी बाजी, 4703 परिवारों को रोजगार देकर प्रदेश में अव्वल स्थान पाया

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 6 अप्रैल
  • 2 मिनट पठन
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देहरादून जिले ने मनरेगा योजना के तहत सौ दिनों का रोजगार उपलब्ध कराने में एक बार फिर से प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। बीते वित्तीय वर्ष 2024-25 में जिले में कुल 4703 परिवारों को सौ दिनों का रोजगार दिया गया, जो कि इस योजना की सफलता का एक प्रमुख उदाहरण है। प्रदेशभर में कुल 25,268 परिवारों को मनरेगा के तहत सौ दिनों का रोजगार प्रदान किया गया।


तीसरी बार लगातार अव्वल स्थान पर

मनरेगा योजना का सफल संचालन देहरादून में हो रहा है, और यह सफलता तीन वर्षों से लगातार जारी है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, पिछले तीन वित्तीय वर्षों में देहरादून ने लगातार पहले स्थान पर रहते हुए मनरेगा योजना के उद्देश्यों को साकार किया है।


वित्तीय वर्षों में रोजगार वितरण:


वित्तीय वर्ष 2022-23: 3381 परिवार


वित्तीय वर्ष 2023-24: 3257 परिवार


वित्तीय वर्ष 2024-25: 4703 परिवार


इस आंकड़े से यह स्पष्ट है कि पिछले तीन वर्षों में देहरादून जिले में सौ दिनों का रोजगार पाने वाले परिवारों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, जो कि योजना की प्रभावशीलता को दर्शाता है।


प्रदेश के अन्य जिलों में सौ दिनों का रोजगार:


वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्रदेश के विभिन्न जिलों का प्रदर्शन इस प्रकार रहा:


देहरादून: 4703 परिवार


उत्तरकाशी: 4524 परिवार


अल्मोड़ा: 1584 परिवार


बागेश्वर: 1321 परिवार


चमौली: 1439 परिवार


चंपावत: 1644 परिवार


हरिद्वार: 1367 परिवार


नैनीताल: 1049 परिवार


पौड़ी गढ़वाल: 1487 परिवार


पिथौरागढ़: 1729 परिवार


रुद्रप्रयाग: 1105 परिवार


टिहरी गढ़वाल: 1714 परिवार


ऊधमसिंह नगर: 1602 परिवार


आगामी वर्ष में रोजगार उपलब्ध कराने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा:


डीडीओ (जिला विकास अधिकारी), देहरादून, श्री सुनील कुमार ने बताया कि आगामी वित्तीय वर्ष में मनरेगा के तहत और अधिक परिवारों को रोजगार प्रदान करने के प्रयास जारी रहेंगे। देहरादून ने पिछले तीन वर्षों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, और इस बार भी यह प्रयास किया जाएगा कि अधिक से अधिक ग्रामीण परिवारों को रोजगार मिल सके, ताकि उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो सके।


मनरेगा योजना का उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में स्थायी रोजगार के अवसर प्रदान करना है, और देहरादून जिला इस दिशा में एक मिसाल प्रस्तुत कर रहा है।

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