top of page

अब आपदा के वक्त मोर्चा संभालेंगी महिलाएं, उत्तराखंड में 1557 'आपदा सखी' होंगी तैनात

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 25 जुल॰
  • 2 मिनट पठन
ree

उत्तराखंड, जो भौगोलिक रूप से आपदा की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील राज्य है, अक्सर अतिवृष्टि, भूस्खलन, बादल फटना, भूकंप और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित होता रहता है। इन आपदाओं का सबसे अधिक असर महिलाओं और बच्चों पर पड़ता है। इन्हीं स्थितियों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने एक सराहनीय पहल की है — आपदा प्रबंधन में महिलाओं की सशक्त भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में 'आपदा सखी' योजना की शुरुआत।


महिला स्वयं सहायता समूहों की सक्रिय भागीदारी

राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत गठित महिला स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को ‘आपदा सखी’ के रूप में प्रशिक्षित किया जा रहा है। इस योजना के तहत राज्य के 13 जिलों में कुल 1557 महिलाओं का चयन कर लिया गया है। चयनित महिलाओं की सूची उत्तराखंड स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (USDMA) को भेज दी गई है, जो अब इनके लिए विशेष प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार कर रही है।


प्रशिक्षण के बाद बनेंगी मास्टर ट्रेनर

प्रशिक्षित आपदा सखी अपने-अपने जिलों में मास्टर ट्रेनर के रूप में कार्य करेंगी। ये न केवल महिलाओं को आपदा प्रबंधन के गुर सिखाएंगी, बल्कि स्कूली बच्चों को भी जागरूक और प्रशिक्षित करेंगी। इस योजना से न सिर्फ़ सामुदायिक स्तर पर आपदा प्रबंधन मजबूत होगा, बल्कि महिलाओं की सामाजिक भूमिका और नेतृत्व क्षमता में भी वृद्धि होगी।


आपदा सखी का दायित्व क्या होगा?

आपदा से पूर्व, दौरान और उपरांत सूचना संप्रेषण और जनजागरूकता फैलाना।


स्थानीय स्कूलों और ग्राम स्तर पर प्रशिक्षण कार्यशालाएं आयोजित करना।


जोखिम का आकलन, राहत व बचाव कार्यों में प्रशासन का सहयोग करना।


प्रशासन और समुदाय के बीच सेतु की भूमिका निभाना।


सशक्त संस्थागत ढांचे का लाभ

गौरतलब है कि उत्तराखंड में ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत 67,000 से अधिक स्वयं सहायता समूह कार्यरत हैं, जिनसे करीब 5 लाख महिलाएं जुड़ी हैं। इन समूहों को मजबूती देने के लिए 7,413 ग्राम संगठन और 519 क्लस्टर संगठन गठित किए गए हैं। इसी के तहत प्रत्येक क्लस्टर से तीन महिलाओं को 'आपदा सखी' के रूप में चयनित किया गया है।


जिलेवार चयनित आपदा सखी संख्या

जिला संख्या

पौड़ी 243

अल्मोड़ा 165

टिहरी 150

चमोली 144

नैनीताल 132

पिथौरागढ़ 123

ऊधम सिंह नगर 111

देहरादून 105

उत्तरकाशी 99

हरिद्वार 96

चंपावत 81

बागेश्वर 57

रुद्रप्रयाग 51


प्रशिक्षण और मानदेय की भी व्यवस्था

आपदा सखी योजना के तहत चयनित महिलाओं को शीघ्र ही विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। ये प्रशिक्षण USDMA द्वारा तैयार माड्यूल के आधार पर होगा। साथ ही, इन महिलाओं को प्रशिक्षण कार्य के लिए जिला प्रशासन की ओर से मानदेय भी प्रदान किया जाएगा।


"महिलाएं ग्रामीण परिवेश में नेतृत्व और संगठित प्रयास का उदाहरण हैं। आपदा सखी उन्हें आपदा प्रबंधन में सहभागी बनाकर राज्य को सुरक्षित और जागरूक बनाएगा।"

— विनोद कुमार सुमन, सचिव, आपदा प्रबंधन

bottom of page