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Uttarakhand: भ्रष्टाचार पर लगाम, राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम से होगी शिक्षकों की भर्ती

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 3 अप्रैल
  • 2 मिनट पठन
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उत्तराखंड: प्रदेश के अशासकीय विद्यालयों और महाविद्यालयों में लंबे समय से शिक्षकों की भर्ती रुकी हुई है, लेकिन अब सरकार ने इस प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम से इन संस्थानों में शिक्षक भर्ती की योजना बनाई जा रही है, जिससे भर्ती प्रक्रिया में सुधार होगा और यह पूरी तरह से पारदर्शी तरीके से हो सकेगी। शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत का कहना है कि यह कदम भर्ती में पारदर्शिता और निष्पक्षता को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।


अशासकीय विद्यालयों में भर्ती पर रोक अशासकीय विद्यालयों में शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया में कई अनियमितताओं की शिकायतें सामने आई हैं, जिसके बाद राज्य सरकार ने 19 सितंबर 2023 से आगामी आदेश तक भर्ती पर रोक लगा दी है। इस रोक के दौरान, जिन संस्थानों को शिक्षकों की आवश्यकता होगी, वे अपनी वित्तीय स्थिति के अनुसार अस्थायी व्यवस्था के माध्यम से पठन-पाठन कार्य जारी रखेंगे। हालांकि, नियमित भर्ती की प्रक्रिया में यह रोक तब तक जारी रहेगी, जब तक राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम से भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती।


अशासकीय महाविद्यालयों में भी भर्ती में बदलाव अशासकीय महाविद्यालयों में भी लंबे समय से शिक्षकों की भर्ती रुकी हुई थी। हालांकि, कुछ महाविद्यालयों में कोर्ट के आदेश पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू की गई है। शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के अनुसार, अब तक जिन पुराने तरीकों से भर्ती होती रही है, वे पूरी तरह से बंद कर दिए जाएंगे। पूर्व में भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्टाचार के कई मामले सामने आ चुके थे, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि इस व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है। अब से, राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम से भर्ती प्रक्रिया अपनाई जाएगी, जिससे यह पूरी तरह से निष्पक्ष, पारदर्शी और योग्य उम्मीदवारों को मौका मिलेगा।

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