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हर विकासखंड में खुलेगा अंग्रेजी माध्यम स्कूल, शिक्षा विभाग में होगी 2 हजार शिक्षकों की भर्ती

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 8 जुल॰
  • 2 मिनट पठन
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देहरादून। उत्तराखंड सरकार अब प्रदेश के सरकारी विद्यालयों को और अधिक आकर्षक और गुणवत्तापूर्ण बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। राज्य के हर विकासखंड (ब्लॉक) में कम से कम एक अंग्रेजी माध्यम का सरकारी स्कूल खोला जाएगा। यह घोषणा राज्य के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने सोमवार को एससीईआरटी परिसर में आयोजित आवासीय भवनों और शिक्षा निदेशालय के गेट के शिलान्यास समारोह के अवसर पर की।


छात्र संख्या में गिरावट को लेकर शिक्षा मंत्री गंभीर

डॉ. रावत ने बताया कि हाल के वर्षों में सरकारी स्कूलों में घटती छात्र संख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने विभाग से विस्तृत रिपोर्ट मंगाई थी। रिपोर्ट में सामने आया कि अधिकांश अभिभावक अपने बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा दिलाना चाहते हैं। साथ ही कुछ अभिभावकों ने यह भी आग्रह किया कि स्कूलों में हर विषय के शिक्षक उपलब्ध हों, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित हो सके।


486 लाख की निर्माण परियोजनाओं का शिलान्यास

शिक्षा मंत्री ने इस मौके पर ₹486 लाख की लागत से होने वाले निर्माण कार्यों का शिलान्यास भी किया। इसमें एससीईआरटी परिसर में नए आवासीय भवनों, कार्यालय संबंधी बुनियादी ढांचे और मुख्य गेट के निर्माण जैसे कार्य शामिल हैं।


उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए भौतिक ढांचे के विकास के साथ-साथ शैक्षणिक गुणवत्ता पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।


दो हजार शिक्षकों की होगी भर्ती, अधिकारियों की भी होगी ऑनलाइन उपस्थिति

डॉ. रावत ने आगे बताया कि राज्य में जल्द ही 2,000 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी। साथ ही, केवल शिक्षकों की ही नहीं, बल्कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों की भी ऑनलाइन उपस्थिति अनिवार्य की जाएगी। इससे नियमितता और पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सकेगी।


समारोह में वरिष्ठ अधिकारी रहे मौजूद


विधायक उमेश शर्मा ‘काऊ’


एससीईआरटी की निदेशक बंदना गब्र्याल


माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. मुकुल सती


प्रारंभिक शिक्षा निदेशक अजय नौडियाल


संस्कृत शिक्षा निदेशक आनंद भारद्वाज


पदमेंद्र सकलानी आदि।


राज्य सरकार का यह कदम न केवल सरकारी स्कूलों की साख और विश्वसनीयता को पुनः स्थापित करेगा, बल्कि ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों के छात्रों को भी गुणवत्तापूर्ण अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा उपलब्ध कराएगा। इससे शिक्षा में समानता और अवसर की वृद्धि होगी।

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