उत्तराखंड में इंटरनेशनल बॉर्डर एरिया पर ड्रोन के इस्तेमाल पर बैन, शादी-ब्याह में उड़ाने पर कार्रवाई
- ANH News
- 15 मई
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भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद सुरक्षा माहौल काफी संवेदनशील हो गया है। इसी को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड सरकार और सुरक्षा एजेंसियों ने बड़ा कदम उठाया है। राज्य के सीमावर्ती जिलों — खासतौर पर भारत-नेपाल और भारत-चीन सीमा से लगे इलाकों में ड्रोन के इस्तेमाल पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है।
सुरक्षा कारणों से लिया गया फैसला
यह निर्णय मुख्य रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से लिया गया है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद खुफिया एजेंसियों को आशंका है कि सीमा पार से ड्रोन के जरिए जासूसी, हथियारों की डिलीवरी या आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की कोशिश की जा सकती है। इसी संभावना को रोकने के लिए सीमावर्ती जिलों में ड्रोन पर सख्त निगरानी और प्रतिबंध लागू किया गया है।
शादी या निजी समारोहों में भी ड्रोन पर रोक
आश्चर्यजनक लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि यह रोक केवल सैन्य या संदिग्ध गतिविधियों तक सीमित नहीं है। अब सीमावर्ती क्षेत्रों में शादी, धार्मिक या सामाजिक आयोजनों में भी ड्रोन से वीडियोग्राफी या फोटोग्राफी नहीं की जा सकेगी।
इसका मतलब यह है कि अगर कोई दूल्हा-दुल्हन अपने खास दिन को ड्रोन कैमरे से कैद करना चाहें, तो उन्हें अब स्थानीय प्रशासन से पहले से अनुमति लेनी होगी। बिना अनुमति के ड्रोन उड़ता पाया गया तो मौके पर ही जब्त कर लिया जाएगा और कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।
कहां-कहां लागू होगा यह प्रतिबंध?
यह प्रतिबंध मुख्य रूप से उत्तराखंड के सीमावर्ती ज़िलों जैसे चमोली, पिथौरागढ़, उत्तरकाशी और चंपावत में लागू किया गया है। ये जिले भारत की सीमा नेपाल और तिब्बत (चीन) से सटे हुए हैं और सामरिक दृष्टि से बेहद संवेदनशील माने जाते हैं।
प्रशासन और एजेंसियां हाई अलर्ट पर
प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक, ड्रोन उड़ाने की हर गतिविधि पर डिजिटल निगरानी रखी जा रही है। अगर कोई संदिग्ध गतिविधि पाई जाती है, तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस, ITBP और SSB जैसी एजेंसियों को सतर्क कर दिया गया है।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की सुरक्षा एजेंसियां कोई भी जोखिम उठाने को तैयार नहीं हैं। उत्तराखंड जैसे संवेदनशील सीमा राज्यों में यह प्रतिबंध एहतियात के तौर पर लगाया गया है ताकि देश की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। जनता से भी अपील की गई है कि वे इस आदेश का पालन करें और किसी भी तरह की गतिविधि के लिए पहले प्रशासन से अनुमति प्राप्त करें।





