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पूर्व सीएम की बेटी आरुषि निशंक का कांस डेब्यू, वेस्ट फैब्रिक से बना गाउन पहनकर दिया सस्टेनेबल फैशन का संदेश

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 1 दिन पहले
  • 3 मिनट पठन

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक की बेटी आरुषि निशंक ने इस वर्ष कांस फिल्म महोत्सव में अपने करियर का पहला डेब्यू किया, जो सुर्खियों में रहा। उनका डेब्यू केवल ग्लैमर के कारण नहीं, बल्कि उनकी अनोखी और अर्थपूर्ण ड्रेस के कारण भी चर्चा का विषय बना। अरुषि ने कांस के रेड कार्पेट पर अपनी उपस्थिति फैब्रिक वेस्ट से बनी सस्टेनेबल ड्रेस में दर्ज की, जो पर्यावरणीय जागरूकता का एक शक्तिशाली संदेश दे रही थी।


फैशन और पर्यावरण का अनोखा मेल

जब आरुषि निशंक ने कांस फिल्म महोत्सव के रेड कार्पेट पर कदम रखा, तो उन्होंने फैशन की दुनिया को एक नया आयाम दिया। उनकी सस्टेनेबल ड्रेस ने ग्लैमर के साथ-साथ एक वैश्विक संदेश दिया। फैब्रिक वेस्ट से बनी इस ड्रेस ने सर्कुलर फैशन की अवधारणा को प्रकट किया और पर्यावरणीय जागरूकता को फैशन के माध्यम से प्रसारित किया। इस कदम से उन्होंने यह साबित कर दिया कि फैशन सिर्फ़ सौंदर्य नहीं, बल्कि एक सामाजिक और पर्यावरणीय जिम्मेदारी भी हो सकता है।



सर्कुलर फैशन का समर्थन

आरुषि निशंक, जो एक प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना, अभिनेत्री, निर्माता और सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं, ने कांस में अपने पहले रेड कार्पेट वॉक के दौरान सर्कुलर फैशन को बढ़ावा दिया। उनका यह कदम न केवल फैशन की दुनिया में बदलाव की ओर इशारा करता है, बल्कि यह वैश्विक पर्यावरण के प्रति जागरूकता और सामाजिक न्याय का भी प्रतीक बन गया है। उनकी ड्रेस में जटिल हाथ-कढ़ाई की विशेषता थी, जो टिकाऊ डिज़ाइन सिद्धांतों को दर्शाती थी और इसे एक सशक्त पर्यावरणीय संदेश दिया गया था।


हरित रंग का प्रतीक और नैतिक रूप से सोर्स की गई सामग्री

आरुषि की ड्रेस का रंग हरा था, जो जीवन शक्ति, प्रकृति और सद्भाव का प्रतीक है। यह पर्यावरण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता था। इस ड्रेस को नैतिक रूप से सोर्स की गई और स्थायी रूप से उत्पादित सामग्री से बनाया गया था, जो शून्य-अपशिष्ट तकनीकों का पालन करते हुए पर्यावरणीय प्रभाव को कम करता है। इसे सर्कुलर फैशन के सिद्धांतों के अनुसार डिज़ाइन किया गया था, जिससे इसका पर्यावरणीय प्रभाव बहुत कम हुआ।


फिल्म और फैशन उद्योग में स्थिरता का बढ़ता महत्व

इस कार्यक्रम के दौरान, अरुषि को "मेकिंग इंडिया ए ग्लोबल फ़िल्म पावर हाउस" में अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। वहां पैनल से बोलते हुए उन्होंने कहा कि फिल्मों में फैशन के लिए स्रोत सामग्री का उपयोग पर्यावरण के अनुकूल और स्थिर तत्वों को प्रमुखता देने की बढ़ती प्रवृत्ति को दर्शाता है। उन्होंने यह भी बताया कि यह बदलाव फैशन और फिल्म उद्योग में स्थिरता के महत्व को उजागर करता है, जो आज के समय में अत्यधिक आवश्यक हो गया है।


संयुक्त राष्ट्र में भी रखा पर्यावरण पर विचार

हाल ही में आरुषि निशंक ने संयुक्त राष्ट्र, जिनेवा में एक कार्यक्रम में भी भाग लिया था, जहां उन्होंने पर्यावरण और वैश्विक जल संकट जैसे मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किए थे। उन्होंने इस दौरान कहा कि सर्कुलर अर्थव्यवस्था किसी भी देश की मुख्य अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दे सकती है, जिससे समाज और पर्यावरण दोनों का भला हो सकता है।


आरुषि निशंक का कांस फिल्म महोत्सव में डेब्यू न केवल उनके लिए एक व्यक्तिगत उपलब्धि था, बल्कि यह फैशन और पर्यावरण के रिश्ते को भी दर्शाता है। उनकी सस्टेनेबल ड्रेस ने न केवल ग्लैमर को बल्कि समाज और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी को भी महत्व दिया, जो आने वाले समय में फैशन और फिल्म उद्योग के लिए एक प्रेरणा बन सकता है।

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