ऋषिकेश ने धूमधाम से मनाई हरितालिका तीज, पूर्व मंत्री ने किया शुभारंभ
- ANH News
- 25 अग॰
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अपडेट करने की तारीख: 26 अग॰

ऋषिकेश। रविवार को गोरखाली सुधार सभा ऋषिकेश द्वारा आईडीपीएल स्थित दुर्गा मंदिर परिसर में भव्य रूप से हरितालिका तीज महोत्सव आयोजित किया गया। इस अवसर पर महिलाओं ने रंग-बिरंगी सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से कार्यक्रम को सजाया और उपस्थित दर्शकों का मन मोह लिया। साथ ही वक्ताओं ने तीज के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को विस्तार से समझाया।
कार्यक्रम का शुभारंभ विधायक प्रेमचंद अग्रवाल ने किया:
इस कार्यक्रम का शुभारंभ क्षेत्रीय विधायक एवं पूर्व मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने किया। उन्होंने मंदिर के फर्श निर्माण तथा टीन शेड के लिए पांच लाख रुपये की धनराशि विधायक निधि से देने की घोषणा की, जिससे मंदिर परिसर का सौंदर्य और सुविधाएं बढ़ेंगी।
विधायक ने कहा कि हरितालिका तीज का महिलाओं के जीवन में विशेष महत्व है। यह पर्व गोर्खाली समाज की महिलाओं के लिए एक उत्सव से कम नहीं है, जिसका वे बेसब्री से इंतजार करती हैं।
हरितालिका तीज का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व:
प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि हरितालिका तीज भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां पार्वती ने अपने पति के रूप में भगवान शिव को पाने के लिए 107 बार कठोर तप और व्रत किया था। 108वीं बार अपने संकल्प और तपस्या में सफल होकर उन्होंने शिव को पति के रूप में प्राप्त किया। यही कारण है कि इस व्रत को महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना के लिए बड़े श्रद्धा भाव से मनाया जाता है।
उन्होंने कहा कि यह पर्व केवल गोर्खाली समाज की महिलाओं के बीच ही नहीं, बल्कि अन्य समुदायों में भी पति की दीर्घायु और सुख-समृद्धि के लिए श्रद्धा पूर्वक मनाया जाता है।
रंगीन सांस्कृतिक कार्यक्रमों से हुआ समां बांध:
इस अवसर पर गोर्खाली समाज की महिलाओं के साथ-साथ अन्य कलाकारों ने भी अपनी मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं, जिसने कार्यक्रम की गरिमा और उत्साह को दोगुना कर दिया। गीत, नृत्य और पारंपरिक लोक कला के माध्यम से तीज की महत्ता को प्रदर्शित किया गया।
प्रमुख अतिथियों की उपस्थिति:
कार्यक्रम में महिला आयोग अध्यक्ष कुसुम कंडवाल, महिला तीज समिति अध्यक्ष माया घले, मेयर शम्भू पासवान, मंडल अध्यक्ष मनोज ध्यानी, शिव कुमार गौतम, प्रिया ढकाल, शीतल, चंद्रभान सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। सभी ने इस अवसर पर तीज की सांस्कृतिक विरासत को संजोने और आगे बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया।
यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का उत्सव था, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का भी प्रतीक बना। गोरखाली सुधार सभा ऋषिकेश द्वारा इस प्रकार के आयोजन से सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखने और युवा पीढ़ी तक पहुंचाने का सराहनीय प्रयास किया जा रहा है।




