top of page

15 जून के बाद उत्तराखंड आने वाले वाहनों से की जाएगी ग्रीन सेस की वसूली, ANPR कैमरों से कटेगा शुल्क

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 14 मई
  • 2 मिनट पठन

उत्तराखंड में 15 जून से बाहरी राज्यों के वाहनों से ग्रीन सेस वसूली की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। परिवहन मुख्यालय ने इस व्यवस्था को लागू करने की तैयारियाँ तेज कर दी हैं और अब वाहन के प्रवेश के समय नंबर प्लेट की पहचान के आधार पर ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (एएनपीआर) कैमरों से यह शुल्क स्वत: कटेगा। इस प्रक्रिया से राज्य को न केवल राजस्व की प्राप्ति होगी, बल्कि वाहनों की निगरानी और उनकी सही जानकारी भी सरकार को मिलेगी।


ग्रीन सेस वसूली का नया तरीका: एएनपीआर कैमरे

शुरुआत में ग्रीन सेस की वसूली फास्टैग के माध्यम से की जाने की योजना थी, लेकिन अब इसके लिए एएनपीआर कैमरे का इस्तेमाल किया जाएगा। ये कैमरे वाहन की नंबर प्लेट को पहचानकर, उसकी जानकारी अपने सिस्टम में दर्ज करेंगे और उसी नंबर प्लेट से जुड़े फास्टैग खाते से राशि स्वत: कट जाएगी। इस प्रक्रिया को पूरी तरह से डिजिटल किया गया है, जिससे वाहन मालिकों को किसी प्रकार का अतिरिक्त प्रयास नहीं करना पड़ेगा और वसूली पूरी तरह से ऑटोमेटेड होगी।


सॉफ्टवेयर और कंपनी का चयन पूरा

परिवहन मुख्यालय ने इसके लिए एक कंपनी का चयन कर लिया है और सॉफ्टवेयर को भी पूरी तरह से तैयार कर लिया गया है। केंद्र की परिवहन और अन्य संबंधित वेबसाइटों से इस सॉफ्टवेयर को जोड़ा जा रहा है, ताकि ग्रीन सेस की वसूली बिना किसी बाधा के हो सके। इस योजना के सफल कार्यान्वयन से राज्य सरकार को लाखों की संख्या में राज्य में प्रवेश करने वाले वाहनों से राजस्व प्राप्त होगा।


वाहनों से शुल्क वसूली की दरें

ग्रीन सेस वसूली के लिए राज्य सरकार ने विभिन्न श्रेणियों के वाहनों के लिए अलग-अलग शुल्क दरें निर्धारित की हैं। ये शुल्क तिमाही और वार्षिक दोनों रूपों में वसूले जाएंगे:


चार पहिया वाहन: ₹40


तीन पहिया वाहन: ₹20


मध्यम वाहन: ₹60


भारी वाहन: ₹80


ये शुल्क वाहन के आकार और प्रकार के अनुसार निर्धारित किए गए हैं। इससे न केवल पर्यावरण को बढ़ावा मिलेगा बल्कि राज्य के परिवहन क्षेत्र को भी व्यवस्थित किया जाएगा।


सिस्टम की और जानकारी:

संयुक्त परिवहन आयुक्त, सनत कुमार सिंह के अनुसार, 15 जून के बाद ग्रीन सेस की वसूली प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इससे राज्य की सीमा में प्रवेश करने वाले वाहनों की बेहतर जानकारी मिल सकेगी और सुरक्षा के लिहाज से भी यह एक महत्वपूर्ण कदम होगा। यह कदम पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक और मील का पत्थर साबित होगा, क्योंकि इससे राज्य में प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी।


राजस्व और निगरानी में सुधार

ग्रीन सेस वसूली के जरिए सरकार को न केवल राजस्व प्राप्त होगा, बल्कि वाहनों की निगरानी का सिस्टम भी मजबूत होगा। अब सरकार को इस बात का सही आंकड़ा मिलेगा कि कौन से वाहन राज्य में कब प्रवेश कर रहे हैं, जिससे यातायात और पर्यावरण की दृष्टि से बेहतर योजना बनाई जा सकेगी।

bottom of page