Harela Festival: 'एक पेड़ मां के नाम' की थीम पर किया पौधारोपण, मुख्यमंत्री ने रोपा रुद्राक्ष का पौधा
- ANH News
- 16 जुल॰
- 2 मिनट पठन

उत्तराखंड में हर साल की तरह इस बार भी हरेला पर्व बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाएगा। यह पर्व न केवल परंपरा और संस्कृति का प्रतीक है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और प्रकृति के प्रति सम्मान का भी संदेश देता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशानुसार इस बार हरेला पर्व पर एक ही दिन में पूरे राज्य में पांच लाख पौधों को लगाने का लक्ष्य रखा गया है, जो एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड होगा।
गढ़वाल मंडल में तीन लाख और कुमाऊं मंडल में दो लाख पौधे लगाए जाएंगे। इस अभियान के तहत पौधारोपण को "हरेला का त्योहार मनाओ-धरती मां का ऋण चुकाओ" और "एक पेड़ मां के नाम" के थीम के साथ जोर-शोर से चलाया जाएगा।
राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने हरेला पर्व पर दी शुभकामनाएं
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को हरेला पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। दोनों ने इस पर्व के महत्व को रेखांकित करते हुए अधिक से अधिक पौधारोपण करने की अपील की है।
राज्यपाल ने अपने संदेश में कहा कि हरेला उत्तराखंड की प्राचीन परंपरा, संस्कृति और प्रकृति प्रेम का पर्व है। यह हमें हरियाली से जुड़ने और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए प्रेरित करता है। हरेला पर्व न केवल जीवन में समृद्धि, शांति और हरियाली लाता है, बल्कि हमें पेड़-पौधों, जल, जमीन और पर्यावरण से जुड़े रहने का अवसर भी प्रदान करता है।
उन्होंने आगे कहा कि आज जब पूरी दुनिया ग्लोबल वार्मिंग और प्रदूषण जैसी गंभीर चुनौतियों का सामना कर रही है, तब हरेला पर्व हमें एकजुट होकर प्रकृति की रक्षा करने का संदेश देता है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का संदेश: पर्यावरण संरक्षण में हरेला पर्व का योगदान
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हरेला पर्व प्रकृति के प्रति हमारी कृतज्ञता, लोकसंस्कृति और पर्यावरण संरक्षण का संदेश लेकर आता है। यह हमें धरती और पर्यावरण की देखभाल के लिए प्रेरित करता है। आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ, शुद्ध और स्वस्थ वातावरण देने के लिए पौधारोपण आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड अपनी धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर के साथ-साथ अपनी प्राकृतिक सुंदरता और जैव विविधता के लिए भी विख्यात है। इसलिए यहाँ के लोगों की पर्यावरण संरक्षण के प्रति जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है।
मुख्यमंत्री ने जल स्रोतों, नदियों और गदेरों के पुनर्जीवन व संरक्षण के लिए निरंतर प्रयास करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप, "एक पेड़ मां के नाम" अभियान के तहत पूरे प्रदेश में व्यापक स्तर पर पौधारोपण किया जाएगा, जिससे पर्यावरण संरक्षण और हरियाली बढ़ाने में मदद मिलेगी।
हरेला पर्व न केवल एक पारंपरिक उत्सव है, बल्कि यह प्रकृति के प्रति हमारी ज़िम्मेदारी और पर्यावरण संरक्षण की चेतना को भी जागृत करता है। पौधारोपण अभियान और इस पर्व की सामाजिक भागीदारी से उत्तराखंड में हरियाली और प्राकृतिक सौंदर्य को बढ़ावा मिलेगा, जिससे आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ और सुंदर पर्यावरण सुनिश्चित किया जा सकेगा।





