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महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का मौका, मूंज घास से निर्मित उत्पादों की दी जा रही ट्रेनिंग

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 23 जन॰
  • 1 मिनट पठन


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Haridwar: जिला उद्योग केंद्र की पहल पर, लालढांग न्याय पंचायत के रसूलपुर पंचायत में महिलाओं को मूंज घास से बने उत्पादों की प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की जा रही है। यह दो दिन का प्रशिक्षण कार्यक्रम महिलाओं को मूंज घास से झूमर, टोकरियाँ, और गणेश प्रतिमाएँ बनाने की कला सिखाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है।


राष्ट्रीय आजीविका मिशन की ओर से इस प्रशिक्षण के लिए उधम सिंह नगर से सुशीला को दो माह के लिए बुलाया गया है। सुशीला ने बताया कि यह केवल एक प्रशिक्षण कार्यशाला नहीं है, बल्कि यह महिलाओं को स्वरोजगार का एक बेहतरीन अवसर प्रदान करेगा। इस पहल से महिलाएं केमिकल-मुक्त उत्पादों का निर्माण कर सकेंगी, जो न केवल पर्यावरण के अनुकूल होंगे, बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी।


प्रशिक्षण में लगभग 30 महिलाएं शामिल हो रही हैं, जिनमें से हर एक का लक्ष्य आत्मनिर्भर बनना और अपने परिवार के भरण-पोषण में सक्रिय रूप से योगदान देना है। रीप परियोजना की ग्रुप मोबिलाइजर, हेमा नेगी ने इस मौके पर बताया कि इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को स्वावलंबी बनाना है, ताकि वे अपने पैरों पर खड़ी हो सकें और अपने परिवार का पालन-पोषण कर सकें।


इस अवसर पर कार्यक्रम में कई प्रमुख महिलाएं उपस्थित रहीं, जिनमें रीता, काजल, रूपा, सुधा, ज्ञानदा, शशीबाला, सुंदरी, सविता, स्वाती, सिद्धि, भगवती, उर्मिला, चंद्रवती, प्रियंका, सोनिया, ममता, पूनम और अन्य महिलाएं भी शामिल थीं।


यह प्रशिक्षण न केवल महिलाओं को नए हुनर सिखा रहा है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है।

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