आने वाले दिनों में भारी बारिश की संभावना, अधिकारी अलर्ट मोड में रहें: एसीईओ आनंद स्वरूप
- ANH News
- 13 अग॰
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प्राकृतिक आपदाओं के प्रति अत्यंत संवेदनशील राज्य उत्तराखंड में आगामी चार दिनों के दौरान मौसम विभाग ने कई जिलों के लिए रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इस संदर्भ में आपदा प्रबंधन तंत्र भी पूरी तरह सक्रिय हो गया है।
इस कड़ी में, अपर सचिव एवं यूएसडीएमए (उत्तराखंड स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी) के एसीईओ प्रशासन आनंद स्वरूप ने सोमवार को सभी जिलों के आपदा प्रबंधन अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक में राज्य की मौजूदा स्थिति की समीक्षा की।
रेड अलर्ट वाले जिलों में विशेष सतर्कता और फील्ड स्तर पर पूर्ण तैयारी
आनंद स्वरूप ने कहा कि जिन जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी है, वहां विशेष सतर्कता बरतना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने सभी जिलों को निर्देश दिए कि वे आगामी चार दिनों में किसी भी आपदा या चुनौती से निपटने के लिए फील्ड स्तर तक पूरी तैयारियां सुनिश्चित करें।
संवेदनशील क्षेत्रों में कड़ी निगरानी, लोगों को पूर्व सूचना और सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरण
यूएसडीएमए के एसीईओ ने विशेष रूप से कहा कि सभी संवेदनशील क्षेत्रों में कड़ी नजर रखी जाए। यदि नदियों का जलस्तर बढ़ता है तो नदी किनारे रहने वाले लोगों को समय रहते सतर्क किया जाए और आवश्यकतानुसार उन्हें सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जाए।
नाव, राफ्ट, जेसीबी व पोकलैंड मशीनें अलर्ट मोड पर रखी जाएं
उन्होंने निर्देश दिए कि मैदानी क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति से निपटने के लिए नाव और राफ्ट जैसी बचाव व्यवस्थाएं पहले से अलर्ट मोड में रखी जाएं। साथ ही, सड़कों के बंद होने या बाधित होने की स्थिति में त्वरित बचाव के लिए जेसीबी व पोकलैंड जैसी मशीनों की एडवांस व्यवस्था सुनिश्चित करें।
अलार्म सिस्टम सक्रिय रखें, चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं
नदी किनारे और संवेदनशील इलाकों में अलार्म सिस्टम सक्रिय रखें और लोगों को सतर्क करने के लिए चेतावनी संकेतक बोर्ड लगाए जाएं।
आपातकालीन परिचालन केंद्र को समय-समय पर सूचना उपलब्ध कराएं
आनंद स्वरूप ने कहा कि राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र को हर परिस्थिति की जानकारी तत्काल उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने यह भी कहा कि मौसम विभाग से मिलने वाले सभी अलर्ट को जनता तक पहुंचाने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।
डीआईजी राजकुमार नेगी ने दी तैयारी और सतर्कता की हिदायत
यूएसडीएमए के एसीईओ-क्रियान्वयन, डीआईजी राजकुमार नेगी ने कहा:
“आपदा का प्रभावी मुकाबला केवल अच्छी तैयारी से ही संभव है। जिलों के ऊपरी क्षेत्रों में वर्षा की स्थिति पर विशेष नजर रखी जाए, क्योंकि वहां भारी बारिश के कारण निचले इलाकों में जलभराव और बाढ़ की आशंका बढ़ सकती है।”
उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे 24 घंटे सतर्क और अलर्ट मोड में रहें तथा आपसी समन्वय से काम करें।
आपदा की स्थिति में संपर्क करें
किसी भी आपदा की सूचना देने या सहायता के लिए निम्नलिखित नंबरों पर तुरंत संपर्क करें:
-आपदा नियंत्रण कक्ष: 0135-2710335, 0135-2710334
-टोल फ्री नंबर: 1070, 1077
-मोबाइल नंबर: 9058441404, 8218867005
जिलों को जारी किए गए महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश
-आपदा की स्थिति में त्वरित स्थलीय कार्रवाई करें और सूचनाओं का तत्परता से आदान-प्रदान करें।
-आपदा प्रबंधन प्रणाली में नामित सभी अधिकारी एवं विभागीय नोडल अधिकारी हाई अलर्ट पर रहें।
-किसी भी मोटर मार्ग के बंद होने पर उसे तुरंत खुलवाना सुनिश्चित करें।
-सभी राजस्व उपनिरीक्षक, ग्राम विकास अधिकारी और ग्राम पंचायत अधिकारी अपने क्षेत्र में उपलब्ध रहें।
-पुलिस थाने और चौकियां आवश्यक आपदा उपकरणों सहित हाई अलर्ट पर रहें।
-12 से 15 अगस्त तक सभी अधिकारी और कर्मचारी अपने मोबाइल फोन चालू रखें।
-आपदा प्रभावितों के फंसे होने की स्थिति में खाद्य सामग्री और चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित करें।
-विद्यार्थियों की सुरक्षा हेतु विद्यालयों में विशेष सतर्कता बरती जाए।
-भारी वर्षा और असामान्य मौसम के दौरान हिमालयी क्षेत्रों में पर्यटकों के आवागमन पर रोक रहे।
-भू-स्खलन के प्रति संवेदनशील मार्गों पर आवश्यक उपकरण पहले से रखें।
उत्तराखंड प्रशासन एवं आपदा प्रबंधन विभाग की यह तैयारी इस बात का संकेत है कि वे किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। जनता से भी अपील है कि वे मौसम विभाग की चेतावनियों को गंभीरता से लें और आवश्यक सावधानियां बरतें।





