भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच साइबर हमले की आशंका तेज, एसटीएफ अलर्ट मोड में; कमांडो तैनात, एडवाइजरी जारी
- ANH News
- 10 मई
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भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच अब देश के डिजिटल मोर्चे पर भी सतर्कता बढ़ा दी गई है। पाकिस्तान की ओर से साइबर हमलों की आशंका को देखते हुए उत्तराखंड एसटीएफ (विशेष कार्यबल) ने अपने साइबर कमांडो को सक्रिय कर दिया है। साथ ही एक विशेष निगरानी टीम का गठन किया गया है, जो 24 घंटे राज्यभर की वेब गतिविधियों पर पैनी नजर बनाए हुए है।
साइबर हमलों की पृष्ठभूमि और कार्रवाई
पिछले साल अक्टूबर में राज्य के सरकारी वेब सिस्टम पर साइबर अटैक हो चुका है, जिसके कारण कई पोर्टल्स को अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा था और कुछ डाटा की चोरी भी हुई थी। इसे विदेशी स्रोतों से प्रायोजित हमला माना गया था। इसी अनुभव को ध्यान में रखते हुए इस बार प्रशासन और साइबर पुलिस ने पहले से ज्यादा मजबूत निगरानी ढांचा खड़ा किया है।
कौन हैं साइबर कमांडो और क्या है उनकी भूमिका?
गृह मंत्रालय द्वारा आयोजित परीक्षा में उत्तराखंड पुलिस के चार अधिकारी साइबर कमांडो के रूप में चयनित हुए थे। इन्हें IIT और नेशनल फोरेंसिक यूनिवर्सिटी जैसे शीर्ष संस्थानों से विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। इन कमांडो के साथ 10 अन्य प्रशिक्षित अधिकारी भी निगरानी सेल में तैनात हैं। यह पूरी टीम अब फेक न्यूज, संदिग्ध लिंक, वेब पेज और सोशल मीडिया गतिविधियों की निगरानी कर रही है।
साइबर सुरक्षा को लेकर जारी की गई है एसटीएफ एडवाइजरी
एसएसपी नवनीत सिंह भुल्लर के अनुसार, साइबर हमलों की गंभीरता को देखते हुए लोगों को सतर्क रहने और जिम्मेदारी से सोशल मीडिया का उपयोग करने की सलाह दी गई है। नीचे दिए गए निर्देशों का पालन करना आवश्यक है:
क्या करें:
केवल सरकारी और आधिकारिक सूत्रों से प्राप्त जानकारी ही साझा करें।
किसी भी खबर, फोटो या वीडियो की सत्यता की जांच करें।
फर्जी या भ्रामक पोस्ट की रिपोर्ट साइबर हेल्पलाइन को करें।
पोस्ट करने से पहले उसके परिणामों पर विचार करें।
क्या न करें:
सेना की गतिविधियों या तैनाती से जुड़ी कोई जानकारी साझा न करें।
बिना पुष्टि के भड़काऊ या असत्यापित सूचनाएं न फैलाएं।
किसी अनजाने बैंक खाते या पैसे मांगने वाले पोस्ट पर भरोसा न करें।
संदिग्ध ईमेल लिंक या अटैचमेंट को न खोलें।
अनाधिकृत एप्स को डाउनलोड करने से बचें।
अगर हो जाए साइबर धोखाधड़ी तो क्या करें?
तत्काल हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें।
या फिर ऑनलाइन शिकायत www.cybercrime.gov.in पर दर्ज करें।
संदिग्ध लिंक और पेज हो रहे हैं ब्लॉक
एसटीएफ की निगरानी टीम लगातार ऐसे वेब पेज और सोशल मीडिया लिंक को ब्लॉक कर रही है, जो जनता को गुमराह कर सकते हैं या फिर दुश्मन देशों द्वारा संचालित हैं। कमाई और लालच वाले पेजों पर भी विशेष नजर रखी जा रही है।
भारत-पाक तनाव के इस संवेदनशील समय में केवल सीमा ही नहीं, बल्कि डिजिटल सुरक्षा भी उतनी ही महत्वपूर्ण हो गई है। एसटीएफ की सतर्कता और आम नागरिकों की जागरूकता ही साइबर खतरों से लड़ने में सबसे बड़ा हथियार है।





