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भारत-पाक तनाव के साए में देहरादून सतर्क: 500 से अधिक बेसमेंट बनाए जा रहे हैं अस्थायी बंकर

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 9 मई
  • 2 मिनट पठन

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ती तनातनी के मद्देनज़र दून में सुरक्षा तैयारियां तेज कर दी गई हैं। किसी भी संभावित आपात स्थिति से निपटने के लिए देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने विशेष कदम उठाए हैं। शहरवासियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए, एमडीडीए ने प्राधिकरण क्षेत्र में मौजूद बेसमेंटों को अस्थायी बंकर के रूप में तैयार करने की योजना बनाई है।


एमडीडीए के उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने जानकारी दी कि देहरादून, पछवादून और परवादून क्षेत्रों में प्राधिकरण के अंतर्गत आने वाले 500 से अधिक बेसमेंट चिन्हित किए गए हैं। इन सभी को आपात स्थिति में नागरिकों के सुरक्षित आश्रय स्थल के रूप में उपयोग में लाने के लिए तैयार किया जा रहा है।


हर बेसमेंट में होगी मूलभूत सुविधाएं की व्यवस्था

प्राधिकरण ने संबंधित टीमों को निर्देश दिए हैं कि बेसमेंटों को खाली कराया जाए और उनमें बिजली, पानी, वेंटिलेशन, साफ-सफाई एवं रैंप जैसी मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं। इसके लिए सेक्टरवार निरीक्षण अभियान शुरू किया गया है। सभी बेसमेंटों की स्थिति का मूल्यांकन कर यह तय किया जाएगा कि उन्हें किस हद तक बंकर की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है।


बेसमेंट और बंकर: क्या है अंतर?

बेसमेंट और बंकर में मूलभूत अंतर उनके निर्माण उद्देश्य और संरचना में होता है।


बेसमेंट आमतौर पर भवन की नींव में स्थित एक हिस्सा होता है जो भंडारण, पार्किंग या अन्य सामान्य उपयोगों के लिए बनाया जाता है। इसमें हवा और रोशनी की समुचित व्यवस्था होती है, खिड़कियां और दरवाजे होते हैं।


वहीं बंकर विशेष रूप से आपातकाल, युद्ध या हमले के समय लोगों की सुरक्षा के लिए तैयार की गई एक मजबूत संरचना होती है। यह कंक्रीट या स्टील जैसे मज़बूत सामग्री से बनाई जाती है और इसमें न्यूनतम खुली जगह होती है, जिससे बाहरी खतरों से सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।


सतर्कता और जागरूकता के लिए प्रयास

बंशीधर तिवारी ने बताया, “हमारा प्रयास केवल संरचनात्मक व्यवस्था तक सीमित नहीं है, बल्कि हम जनता को भी जागरूक करने का कार्य कर रहे हैं कि आपदा की घड़ी में सतर्कता और सामूहिक सहयोग से ही बचाव संभव है।”


एमडीडीए समय-समय पर बेसमेंटों की जांच करता है, लेकिन वर्तमान हालात को देखते हुए इस अभियान को और अधिक व्यापक रूप दिया गया है। अधिकारियों की टीमें निरंतर फील्ड में कार्य कर रही हैं ताकि कोई भी स्थान सुरक्षा की दृष्टि से उपेक्षित न रहे।

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