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'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद दून हाई अलर्ट पर, सघन चेकिंग, खुफिया जांच समेत संदिग्धों पर पैनी नजर

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 7 मई
  • 2 मिनट पठन
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ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने मंगलवार आधी रात बाद पाकिस्तान और POK में मौजूद आतंकी ठिकानों पर हवाई हमला कर नौ ठिकानों को तबाह कर दिया। यह हमला पहलगाम आतंकी हमले के 15वें दिन जवाबी कार्रवाई के रूप में किया गया, जिसमें भारतीय सेना के कई जवान शहीद हुए थे।


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इस स्ट्राइक में भारत ने जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैय्यबा, हिजबुल मुजाहिदीन, मसूद अजहर और हाफिज सईद जैसे संगठनों के ठिकानों को निशाना बनाया। खास बात यह रही कि भारत ने केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, किसी पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान पर हमला नहीं किया।


ऑपरेशन से पहले सेना ने सोशल मीडिया पर लिखा:


"हमले को तैयार, जीतने को बेकरार।"

और ऑपरेशन के सफल होने के बाद संदेश था:

"न्याय हुआ, जय हिंद!"


पाक मीडिया का दावा: भारी नुकसान, 30 मरे, 25 घायल

पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, इस हमले में करीब 30 लोगों की मौत और 25 से अधिक घायल हुए हैं। उन्होंने दावा किया कि छह जगहों पर कुल 24 मिसाइलें दागी गईं। हालाँकि भारत की ओर से इन आंकड़ों की पुष्टि नहीं की गई, लेकिन यह स्पष्ट किया गया है कि ऑपरेशन का उद्देश्य केवल आतंक के अड्डों को खत्म करना था।


'ऑपरेशन सिंदूर': भारत की 'जीरो टॉलरेंस' नीति का उदाहरण

भारतीय सेना ने इस ऑपरेशन को आतंक के खिलाफ भारत की सख्त नीति और 'जीरो टॉलरेंस' के रुख का हिस्सा बताया है। यह कार्रवाई यह संदेश देती है कि भारत अब हर आतंकी हमले का जवाब निर्णायक और सटीक तरीके से देगा।


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देहरादून में चल रहे सत्यापन अभियान के पीछे उद्देश्य यही है कि किसी भी आतंकी साजिश को जड़ से पहले ही कुचला जा सके। पुलिस, अर्धसैनिक बल और खुफिया एजेंसियां मिलकर सुरक्षा व्यवस्था को अभेद्य बनाने में जुटी हैं।


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इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि भारत अब आतंकवाद को सिर्फ सहन नहीं करेगा, बल्कि उसका मुंहतोड़ जवाब देगा।

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