top of page

चीन सीमा से सटे हवाई पट्टी का संचालन अब वायुसेना करेगी

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 26 अग॰
  • 2 मिनट पठन

अपडेट करने की तारीख: 27 अग॰

ree

उत्तराखंड सरकार ने सीमांत क्षेत्रों में हवाई सेवाओं के सशक्तीकरण की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। चीन की सीमा से सटे संवेदनशील जिलों चमोली और उत्तरकाशी में स्थित गौचर और चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टियों का संचालन अब भारतीय वायुसेना (IAF) के जिम्मे होगा। वहीं, पिथौरागढ़ एयरपोर्ट का संचालन अब एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) को सौंपा जाएगा, जिसके लिए जल्द ही एमओयू (MoU) किया जाएगा।


यह जानकारी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को देहरादून में मीडिया को संबोधित करते हुए दी। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती इलाकों में हवाई कनेक्टिविटी के विस्तार से न सिर्फ सामरिक दृष्टिकोण मजबूत होगा, बल्कि तीर्थाटन और पर्यटन को भी नई उड़ान मिलेगी।


गुंजी में बनेगी एक किलोमीटर लंबी नई हवाई पट्टी-

मुख्यमंत्री ने बताया कि आदि कैलाश यात्रा के लिए आने वाले तीर्थयात्रियों और पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए, कुमाऊं मंडल के गुंजी क्षेत्र में एक नई एक किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी विकसित की जाएगी। इस एयरस्ट्रिप के निर्माण में भी भारतीय वायुसेना की तकनीकी सहायता ली जाएगी। यह हवाई पट्टी सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।


पिथौरागढ़ एयरपोर्ट का होगा विस्तार, खर्च होंगे 450 करोड़ रुपये-

राज्य सरकार ने पिथौरागढ़ एयरपोर्ट के विस्तार की भी योजना बनाई है, जिस पर लगभग 450 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इससे पिथौरागढ़ जैसे दुर्गम क्षेत्र की वायु कनेक्टिविटी और भी बेहतर होगी। इसके संचालन की जिम्मेदारी एयरपोर्ट अथॉरिटी को सौंपी जा रही है ताकि नागरिक उड्डयन सुविधाओं को और आधुनिक बनाया जा सके।


सितंबर तक शुरू होगी पिथौरागढ़-मुनस्यारी हेली सेवा-

हेली सेवाओं के विस्तार की दिशा में भी तेजी से काम हो रहा है। पिथौरागढ़ और मुनस्यारी के बीच हेली सेवा 30 सितंबर तक शुरू होने की संभावना है। यह सेवा उड़ान योजना के अंतर्गत शुरू की जाएगी, जिसके लिए केंद्र सरकार ने हैरिटेज एविएशन कंपनी का चयन किया है।


इसके अलावा पिथौरागढ़-धारचूला-पिथौरागढ़ रूट पर भी हेली सेवा शुरू करने की तैयारी चल रही है।


केंद्र से मिल रहा है सहयोग-

मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि उन्होंने हाल ही में केंद्रीय नागर विमानन मंत्री श्री राम मोहन नायडू से हेली सेवाओं के विस्तार में सहयोग मांगा था, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। केंद्रीय मंत्री ने पत्र भेजकर योजनाओं की जानकारी साझा की है और केंद्र सरकार की ओर से हर संभव सहयोग का भरोसा दिया है।


यह रणनीतिक निर्णय न केवल सीमांत जिलों में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा, पर्यटन और आपात स्थिति में राहत कार्यों के लिए भी मील का पत्थर साबित होगा।

bottom of page