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38वें राष्ट्रीय खेलों के लिए तैयार किया गया 100 करोड़ का इंफ्रास्ट्रक्चर, साई के तहत होगी देखरेख

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 25 जन॰
  • 2 मिनट पठन


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38वें राष्ट्रीय खेलों के लिए उत्तराखंड में लगभग 100 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किए गए अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेल मैदान, उपकरण, स्वीमिंग पूल और अन्य सुविधाओं की देखरेख भविष्य में भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) द्वारा की जा सकती है। इससे न केवल उत्तराखंड, बल्कि देशभर के खिलाड़ियों को फायदा होगा, क्योंकि इन अत्याधुनिक सुविधाओं में अभ्यास करके वे ओलंपिक जैसे बड़े खेल आयोजनों में बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे। इस तरह, उत्तराखंड की पहचान खेल भूमि के तौर पर भी बन सकती है।


केंद्र सरकार की सचिव और साई की महानिदेशक, सुजाता चतुर्वेदी ने बृहस्पतिवार को देहरादून का दौरा किया और विभिन्न खेल स्थलों का निरीक्षण किया। उन्होंने महाराणा प्रताप स्टेडियम की शूटिंग रेंज में पेरिस ओलंपिक में इस्तेमाल किए गए 160 इलेक्ट्रॉनिक टारगेट्स के अवस्थापन की जानकारी ली और राज्य द्वारा खिलाड़ियों के लिए तैयार किए गए अंतरराष्ट्रीय स्तर के इंफ्रास्ट्रक्चर की सराहना की।


दौरे के दौरान, चतुर्वेदी ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय खेलों के बाद इन खेल अवस्थापनाओं की देखरेख सुनिश्चित करना जरूरी है। इसके लिए साई की मदद ली जा सकती है, ताकि केंद्र सरकार के बजट से इन सुविधाओं की देखरेख की जा सके और उनका सही तरीके से संचालन हो सके। राज्य में पहले से ही साई के स्पेशल ट्रेनिंग सेंटर संचालित हैं, जो खिलाड़ियों को उच्चस्तरीय प्रशिक्षण प्रदान करते हैं।


खेल मंत्री रेखा आर्या ने पहले ही कहा था कि राज्य सरकार खेलों के बाद इन अत्याधुनिक सुविधाओं की देखरेख के लिए एक खेल अकादमी बनाने पर विचार कर रही है। इसके अंतर्गत, शूटिंग रेंज, स्वीमिंग पूल, एथलेटिक्स ट्रैक, जिमनास्टिक, फेंसिंग जैसे क्षेत्रों के लिए जो उपकरण और सुविधाएं जुटाई गई हैं, उनकी भविष्य में ठीक से देखरेख की जाएगी। हालांकि, इस संबंध में साई के साथ कोई आधिकारिक बातचीत अभी तक नहीं हुई है, लेकिन डीजी (साई) ने अवस्थापनाओं की देखरेख के लिए वार्ता के लिए बुलाया है।


अमित सिन्हा, विशेष प्रमुख सचिव (खेल), ने बताया कि राज्य सरकार राष्ट्रीय खेलों के बाद इन खेल स्थलों और उपकरणों की देखरेख के लिए पहले से ही गंभीरता से विचार कर रही है, ताकि राज्य में खेल सुविधाओं का सही तरीके से उपयोग किया जा सके और खिलाड़ियों को बेहतरीन प्रशिक्षण मिल सके।

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