कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अग्निवीरों की टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स में सीधी तैनाती: CM धामी की बड़ी घोषणा
- ANH News
- 30 जुल॰
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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के प्रतिष्ठित कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में एक नई टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स का गठन किया जाएगा, जिसमें उत्तराखंड के अग्निवीरों को सीधे तैनाती दी जाएगी। इस फोर्स में 80 से अधिक प्रशिक्षित युवाओं की भर्ती की जाएगी, जो बाघों और उनके आवासों की सुरक्षा में अपनी भूमिका निभाएंगे।
टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स का उद्देश्य और महत्व
मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि इस विशेष बल का मुख्य उद्देश्य बाघों के संरक्षण को और प्रभावी बनाना है। इसके माध्यम से न केवल वन्यजीवों की सुरक्षा को सुदृढ़ किया जाएगा, बल्कि अग्निवीर योजना के तहत प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार के सुनहरे अवसर भी मिलेंगे। यह पहल बाघ संरक्षण के व्यापक लक्ष्य को हासिल करने में मददगार साबित होगी और अवैध शिकार जैसी कुप्रथाओं पर रोक लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स का कार्यक्षेत्र न केवल बाघों के अवैध शिकार पर नियंत्रण रखना होगा, बल्कि यह वन्य अपराधों जैसे लकड़ी की तस्करी, अवैध खनन और वन क्षेत्र में अतिक्रमण पर भी नजर रखेगी। साथ ही, बाघ और मानव के बीच बढ़ते संघर्ष को कम करने के लिए भी यह फोर्स प्रशिक्षित होगी ताकि दोनों के जीवन को सुरक्षा मिल सके।
अग्निवीरों की भूमिका और महत्व
मुख्यमंत्री ने अग्निवीरों को इस फोर्स में शामिल करने को भारतीय सेना के अनुशासन और प्रशिक्षण की ताकत बताया। अग्निवीरों ने भारतीय सेना में कठोर प्रशिक्षण प्राप्त किया है, जिससे वे शारीरिक और मानसिक रूप से किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह सक्षम हैं। इस कारण वे वन गश्त, वन्यजीव अपराधों से निपटने और मुश्किल परिस्थितियों को संभालने में बेहद प्रभावी साबित होंगे।
इस पहल से कॉर्बेट टाइगर रिजर्व को अत्यधिक प्रशिक्षित और समर्पित सुरक्षा बल की सुविधा मिलेगी, जिससे अवैध शिकार की घटनाओं में कमी आने की उम्मीद है। साथ ही, अग्निवीरों की मौजूदगी स्थानीय समुदाय को भी संरक्षण प्रयासों में जोड़ने में मदद करेगी, जिससे एक सकारात्मक और सामूहिक संरक्षण माहौल तैयार होगा।
समग्र प्रभाव
इस नई टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स के गठन से न केवल बाघों की सुरक्षा मजबूत होगी, बल्कि प्रदेश के युवाओं को रोजगार के साथ-साथ वन्यजीव संरक्षण में सक्रिय भूमिका निभाने का अवसर भी मिलेगा। यह कदम उत्तराखंड को बाघ संरक्षण के क्षेत्र में एक नया उदाहरण स्थापित करेगा और पर्यावरण संरक्षण के प्रति समर्पित प्रयासों को बल देगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की यह पहल प्रदेश में वन्यजीव सुरक्षा और संरक्षण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी।





