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प्राकृतिक आपदाओं के खतरे को देखते हुए निर्माण कार्यों पर पूर्ण प्रतिबंध, सीएम धामी के सख्त निर्देश

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 13 अग॰
  • 2 मिनट पठन
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उत्तराखंड में बढ़ती प्राकृतिक आपदाओं की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक में राज्य के संवेदनशील पर्वतीय क्षेत्रों में किसी भी प्रकार के नए निर्माण कार्यों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने के आदेश दिए हैं।


नदी-नालों और जल स्रोतों के किनारे नहीं होगा कोई निर्माण

मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से स्पष्ट किया कि प्राकृतिक जल स्रोतों, नदियों और नालों के किनारों पर अब सरकारी या निजी स्तर पर कोई भी निर्माण कार्य नहीं किया जा सकेगा। यह फैसला उन इलाकों में पर्यावरणीय असंतुलन, भूस्खलन और बाढ़ जैसे खतरों को रोकने के उद्देश्य से लिया गया है।


संवेदनशील क्षेत्रों की होगी तत्काल पहचान

मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि राज्य के भूस्खलन, हिमस्खलन और अन्य आपदाओं की दृष्टि से संवेदनशील स्थलों की तत्काल पहचान की जाए। इस प्रक्रिया का उद्देश्य है कि ऐसे क्षेत्रों में समय रहते चेतावनी और बचाव के उपाय अपनाए जा सकें, ताकि जानमाल का नुकसान कम से कम हो।


नई बसावट और निर्माण पर सख्त प्रतिबंध

मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि चिन्हित संवेदनशील क्षेत्रों में अब किसी भी तरह की नई बसावट या निर्माण कार्य की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि यदि इस नीति का उल्लंघन होता है तो जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।


डीएम को जिम्मेदारी, निगरानी होगी नियमित

मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों (DM) को इन निर्देशों का सख्ती से पालन करवाने की जिम्मेदारी सौंपी है। उन्होंने कहा कि नियमित निगरानी और रिपोर्टिंग व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए, ताकि किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो।


आपदा प्रबंधन को मिलेगी प्राथमिकता

मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन विभाग को निर्देश दिए कि रोकथाम, समयपूर्व चेतावनी और त्वरित प्रतिक्रिया जैसे उपायों को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा कि अब यह समय है जब हम जनहित को सर्वोपरि रखते हुए ठोस और प्रभावी कदम उठाएं, ताकि भविष्य की आपदाओं से राज्य को अधिक सुरक्षित बनाया जा सके।

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