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IPL 2025: दो लगातार मैच आखिरी ओवर में हारना संयोग या साज़िश? राजस्थान रॉयल्स पर मैच फिक्सिंग का आरोप!

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 23 अप्रैल
  • 2 मिनट पठन


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आईपीएल 2025 में राजस्थान रॉयल्स पर उस समय मैच फिक्सिंग के गंभीर आरोप लगे जब टीम ने लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ लगभग जीता हुआ मुकाबला अंतिम ओवर में गंवा दिया। इससे पहले भी टीम दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ ऐसा ही मैच हार चुकी है। लगातार दो मुकाबले आखिरी ओवर में हारने के बाद राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (RCA) की एड-हॉक कमिटी के संयोजक जयदीप बिहानी ने टीम के प्रदर्शन और प्रबंधन पर सवाल उठाए हैं।


क्या हुआ था लखनऊ के खिलाफ मुकाबले में?

राजस्थान को लखनऊ के खिलाफ जीत के लिए अंतिम ओवर में 9 रनों की जरूरत थी। गेंदबाजी कर रहे थे आवेश खान, जिन्होंने इस ओवर में शानदार गेंदबाज़ी करते हुए सिर्फ 6 रन दिए, जिससे राजस्थान रॉयल्स 2 रन से मुकाबला हार गई।

इस मैच में संजू सैमसन चोट के चलते बाहर थे और कप्तानी की जिम्मेदारी रियान पराग के कंधों पर थी। टीम की ओर से 14 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी ने डेब्यू करते हुए 34 रन बनाए, जबकि यशस्वी जायसवाल ने 74 रन और रियान पराग ने 38 रन बनाए।


एक ही कहानी दोहराई दिल्ली के खिलाफ भी

16 अप्रैल को खेले गए मुकाबले में भी राजस्थान रॉयल्स को दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ आखिरी ओवर में 9 रन चाहिए थे, लेकिन टीम सिर्फ 8 रन बना पाई। इसके बाद सुपर ओवर में राजस्थान ने 11 रन बनाए, जिसे दिल्ली ने मात्र 4 गेंदों में हासिल कर लिया।


मैच फिक्सिंग के आरोप क्यों लगे?

जयदीप बिहानी ने राजस्थान रॉयल्स के इस प्रदर्शन पर सवाल खड़े करते हुए कहा:

"लगातार दो मैच आखिरी ओवर में हार जाना, जबकि स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में हो, बेहद संदेहास्पद है। टीम के प्रदर्शन और फैसलों में पारदर्शिता नहीं दिख रही है।"


उन्होंने साथ ही राजस्थान रॉयल्स के स्टेडियम और प्रबंधन से जुड़े मामलों को लेकर भी नाराजगी जताई। उनका कहना है कि जिला परिषद ने सवाई मानसिंह स्टेडियम को लेकर आरसीए को दरकिनार कर दिया है, जबकि बीसीसीआई ने पहले आरसीए को ही पत्र भेजा था। एमओयू न होने के बहाने को उन्होंने खारिज करते हुए सवाल उठाया कि जब हर मैच के लिए भुगतान किया जा रहा है तो फिर आरसीए को नजरअंदाज क्यों किया जा रहा है?


कप्तान और कोच भी सवालों के घेरे में

बिहानी ने टीम के कोच राहुल द्रविड़ और कप्तान संजू सैमसन की भूमिका पर भी प्रश्नचिह्न लगाए। उन्होंने कहा कि जब एक मजबूत टीम लगातार इस तरह के 'संदेहास्पद' निर्णय ले रही है और मैच हार रही है, तो इसकी जांच अनिवार्य है।


क्या है आगे की राह?

इस विवाद ने बीसीसीआई और आईपीएल गवर्निंग काउंसिल के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। क्रिकेट फैंस और विशेषज्ञ अब यह मांग कर रहे हैं कि इन मैचों की तथ्यात्मक और निष्पक्ष जांच हो, ताकि यदि कहीं कोई अनियमितता है तो उसे सामने लाया जा सके और क्रिकेट की निष्पक्षता और विश्वसनीयता को बनाए रखा जा सके।


राजस्थान रॉयल्स पर लगे आरोपों ने आईपीएल की छवि पर एक बार फिर से सवालिया निशान लगा दिया है। अब यह देखना होगा कि बीसीसीआई और संबंधित एजेंसियां इस मसले पर क्या कदम उठाती हैं। क्या यह सिर्फ प्रदर्शन में गिरावट है या पर्दे के पीछे कुछ और?

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