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शतक लगाकर सुर्खियां बटोरने वाले वैभव की असल उम्र पर सवाल

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 1 मई
  • 3 मिनट पठन
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वैभव सूर्यवंशी, जिन्होंने मंगलवार को गुजरात टाइटंस के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया, ने 35 गेंदों में शतक जड़कर क्रिकेट इतिहास में एक नया अध्याय लिखा है। इस धमाकेदार पारी के साथ ही वह टी20 क्रिकेट में सबसे कम उम्र में शतक लगाने वाले खिलाड़ी बन गए हैं। वैभव की उम्र मात्र 14 साल है, और उनका यह रिकॉर्ड क्रिकेट जगत में एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है।


वैभव ने इस ऐतिहासिक पारी के दौरान एक बार फिर यह साबित कर दिया कि उनकी क्रिकेटिंग काबिलियत किसी से भी कम नहीं है। हालांकि, उनका शानदार प्रदर्शन कुछ विवादों का कारण भी बना है, जब पूर्व पाकिस्तानी खिलाड़ी जुनैद खान ने उन पर एज फ्रॉड का आरोप लगाया था। इस आरोप ने लोगों के बीच वैभव की असली उम्र को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए।


क्या वैभव सच में 14 साल के हैं?

वैभव पर लगे एज फ्रॉड के आरोपों को उनके पिता संजीव सूर्यवंशी ने सिरे से नकारा किया। उन्होंने कहा कि जब वैभव केवल 8 साल के थे, तब उनका आधिकारिक बोन टेस्ट किया गया था, जो बीसीसीआई द्वारा प्रमाणित था। इस टेस्ट का उद्देश्य युवा खिलाड़ियों की उम्र की सही जांच करना होता है, और इस टेस्ट के परिणामों ने वैभव की उम्र को साबित कर दिया है। संजीव सूर्यवंशी ने साफ तौर पर कहा कि वैभव का जन्म 27 मार्च 2011 को हुआ था और वह सच में 14 साल के हैं।


वैभव का क्रिकेट सफर

वैभव का क्रिकेट सफर शुरू हुआ था जब उन्होंने केवल 4 साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू किया। 9 साल की उम्र में, उनके पिता ने उन्हें समस्तीपुर की एक क्रिकेट अकादमी में दाखिला दिलवाया। वैभव के माता-पिता ने उनकी सफलता के लिए खुद को पूरी तरह से समर्पित कर दिया था। उनकी मां रात के 11 बजे से लेकर सुबह 2 बजे तक वैभव के लिए खाना बना देती थी, क्योंकि उसे सुबह जल्दी प्रैक्टिस पर जाना होता था।


वैभव के पिता ने अपनी नौकरी छोड़ दी, ताकि वह अपने बेटे के क्रिकेट करियर पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित कर सकें। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, लेकिन पिता का विश्वास था कि एक दिन वैभव इस कठिन यात्रा में सफल होंगे। वैभव ने अपने परिवार को कभी निराश नहीं किया।


वैभव की क्रिकेट में सफलता और भविष्य

वैभव की क्रिकेट यात्रा में कई महत्वपूर्ण मील के पत्थर रहे हैं। उन्होंने बिहार के अंडर-19 रणधीर वर्मा टूर्नामेंट में नाबाद 332 रन जड़े थे, और ऑस्ट्रेलिया अंडर-19 के खिलाफ भारत के लिए खेलते हुए 58 गेंदों में शतक जड़ा था। इसके बाद, आईपीएल 2025 में राजस्थान रॉयल्स ने उन्हें 1.10 करोड़ रुपये में खरीदा। यह एक बड़ी सफलता है, और वैभव का नाम अब भारतीय क्रिकेट की बड़ी लिस्ट में शामिल हो गया है।


एक प्रेरणा दायक कहानी

वैभव सूर्यवंशी की कहानी संघर्ष, कड़ी मेहनत और समर्पण की मिसाल है। उन्होंने यह साबित कर दिया कि अगर किसी के पास सपना और मेहनत हो, तो कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। उनकी मेहनत और समर्पण ने उन्हें भारतीय क्रिकेट के भविष्य के सितारे के रूप में स्थापित किया है।


वैभव सूर्यवंशी की उम्र, उनकी कड़ी मेहनत और खेल में लगन ने उन्हें सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। भविष्य में वैभव और भी कई रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं और क्रिकेट जगत में अपनी एक अलग पहचान बना सकते हैं।

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