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Kedarnath Helicopter Crash: दो माह पहले जुड़वा बच्चों के पिता बने पायलट राजवीर की दर्दनाक शहादत

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 16 जून
  • 2 मिनट पठन

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उत्तराखंड: रविवार को केदारनाथ से गुप्तकाशी लौटते हुए हुए आर्यन हेलीकॉप्टर क्रैश की त्रासदी में शहीद हुए पायलट लेफ्टिनेंट कर्नल (सेनि) राजवीर सिंह चौहान की कहानी बेहद मार्मिक है। लगभग दो माह पहले ही वे जुड़वा बच्चों के पिता बने थे। उनकी पत्नी दीपिका चौहान भी भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर सेवा में हैं, जो इस परिवार की सैन्य परंपरा को दर्शाता है।


हादसे के दिन:

रविवार सुबह की पहली उड़ान से राजवीर सिंह चौहान ने गुप्तकाशी से केदारनाथ की उड़ान भरी। वहां यात्रियों को लेकर वापस गुप्तकाशी लौटते हुए, हेलिकॉप्टर मंजिल से कुछ ही दूरी पहले दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पायलट ने जान पर खेलकर हेलिकॉप्टर को बचाने का प्रयास किया और इसे नीचे उतारने की कोशिश की। लेकिन पेड़ के पंखों से टकराने के कारण हेलिकॉप्टर नियंत्रण खो बैठा और दुर्घटना घटी।


अनुभव और परिवार की जानकारी

राजवीर सिंह चौहान इस वर्ष ही आर्यन हेलिकॉप्टर कंपनी से जुड़े थे और उनके पास केदारनाथ की हेली सेवा में उड़ान भरने का लगभग 80 घंटे से अधिक का अनुभव था।

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जयपुर निवासी राजवीर सिंह ने दो माह पूर्व ही परिवार में खुशियों का आगमन किया था, जब वे जुड़वा बच्चों के पिता बने। उनकी पत्नी दीपिका भी सेना की अधिकारी हैं, जो अपने पति के साथ देश सेवा में तत्पर हैं।


शोकाकुल परिवार के लिए प्रशासन की सहायता

हादसे में मारे गए सात यात्रियों के शव जिला चिकित्सालय लाए गए, जिनमें से छह बुरी तरह से जल चुके थे। चार शवों की पहचान करना मुश्किल हो रहा है।

उप जिलाधिकारी आशीष चंद्र घिल्डियाल ने बताया कि परिजनों की सुविधा और सहायता के लिए सभी शव आयुर्वेदिक चिकित्सालय में सुरक्षित रखे गए हैं।

परिवारों को हर संभव मदद पहुंचाने के लिए प्रभारी तहसीलदार रामकिशोर ध्यानी को नामित किया गया है, जिनसे संपर्क के लिए मोबाइल नंबर है-9858588230

साथ ही, सहयोग के लिए राजस्व अधिकारी राजपाल सिंह रावत (मो. 9758024578) और राजस्व उप निरीक्षक धनपाल सिंह पंवार (मो. 9627722295) को भी जिम्मेदारी सौंपी गई है।


राजवीर सिंह चौहान और अन्य यात्रियों की असामयिक मृत्यु से पूरा परिवार और समाज स्तब्ध है। उनके परिवार को इस अपार दुःख की घड़ी में प्रदेश सरकार और प्रशासन हरसंभव सहायता दे रहा है।

उनके पराक्रम और देश सेवा के प्रति समर्पण को सदैव याद रखा जाएगा।

 
 
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