केदारनाथ में अब नहीं लगेगी लंबी कतारें, दर्शन के लिए टोकन व्यवस्था लागू, हर घंटे 1400 श्रद्धालुओं को मिलेगा अवसर
- ANH News
- 2 मई
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चारधाम यात्रा: इस बार केदारनाथ धाम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को भगवान केदार के दर्शन के लिए घंटों लंबी कतारों में नहीं खड़ा होना पड़ेगा। प्रशासन ने दर्शन की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित और सुविधाजनक बनाने के लिए एक सुनियोजित टोकन व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है। यह कदम यात्रियों की सुविधा, भीड़ नियंत्रण और समय की बचत को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
क्या है टोकन व्यवस्था?
प्रशासन, पुलिस और पर्यटन विभाग के संयुक्त प्रयास से एक ऐसी प्रणाली तैयार की गई है, जिसके तहत प्रति घंटे 1400 श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश और दर्शन की अनुमति दी जाएगी। संगम क्षेत्र में दस काउंटर स्थापित किए जा रहे हैं, जहाँ यात्रियों को निर्धारित स्लॉट के आधार पर टोकन प्रदान किए जाएंगे।
हर श्रद्धालु को एक टोकन नंबर मिलेगा, और वह नंबर एक डिजिटल स्क्रीन पर प्रदर्शित किया जाएगा। जब उनका स्लॉट आएगा, तो उन्हें निर्धारित समय से 15 मिनट पहले दर्शन लाइन में शामिल होने के लिए कहा जाएगा। इस व्यवस्था से ना केवल दर्शन प्रक्रिया व्यवस्थित होगी, बल्कि श्रद्धालुओं को घंटों तक थकाऊ और अव्यवस्थित लाइन में खड़ा रहना भी नहीं पड़ेगा।
पर्यटन विभाग को मिली जिम्मेदारी
इस व्यवस्था की संपूर्ण निगरानी और संचालन की जिम्मेदारी पर्यटन विभाग को सौंपी गई है। जिला पर्यटन एवं साहसिक खेल अधिकारी राहुल चौबे ने बताया कि कपाटोद्घाटन से ही टोकन वितरण शुरू कर दिया जाएगा। मौसम, सुरक्षा या विशेष परिस्थितियों को देखते हुए प्रतिघंटा दर्शन की संख्या में लचीलापन रखा गया है — आवश्यकता पड़ने पर संख्या घटाई या बढ़ाई जा सकती है।
भीड़ नियंत्रण के लिए पुलिस तैनात
भीड़ प्रबंधन को और सुदृढ़ बनाने के लिए संगम क्षेत्र से लेकर मंदिर परिसर तक पुलिस के जवान तैनात रहेंगे। ये जवान न सिर्फ व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करेंगे, बल्कि जरूरतमंदों को मार्गदर्शन भी देंगे। यह पहली बार है जब केदारनाथ धाम में भीड़ नियंत्रण को लेकर इतनी विस्तृत और तकनीक-आधारित व्यवस्था की गई है।
श्रद्धालुओं के लिए राहत का संदेश
केदारनाथ जैसे ऊँचाई वाले और कठिन पहुँच वाले धार्मिक स्थलों में दर्शन हेतु इंतजार करना अक्सर श्रद्धालुओं के लिए कष्टदायक होता है। इस बार की यात्रा को अधिक सहज और अनुभवजन्य बनाने के लिए यह व्यवस्था श्रद्धालुओं के लिए एक सकारात्मक और स्वागतयोग्य पहल मानी जा रही है। इससे यात्रियों की सुरक्षा, सुविधा और संतुष्टि सुनिश्चित हो सकेगी।