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केदारनाथ यात्रा: संक्रमण का साया, 14 घोड़े-खच्चरों की मौत से आवाजाही पर 24 घंटे की रोक

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 7 मई
  • 2 मिनट पठन
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केदारनाथ धाम की कठिन यात्रा में तीर्थयात्रियों के आवागमन का अहम हिस्सा माने जाने वाले घोड़े-खच्चरों की दो दिनों में हुई 14 संदिग्ध मौतों ने प्रशासन और पशुपालन विभाग को सतर्क कर दिया है। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए पशुपालन विभाग के सचिव डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने तत्काल प्रभाव से अगले 24 घंटों तक इन पशुओं की यात्रा मार्ग पर आवाजाही पर रोक लगा दी है।


केंद्र और राज्य स्तरीय टीमें करेंगी मौतों की गहराई से जांच

डॉ. पुरुषोत्तम ने सोमवार को स्वयं रुद्रप्रयाग पहुँचकर हालात का जायज़ा लिया और बताया कि मंगलवार को भारत सरकार की एक विशेषज्ञ टीम, साथ ही हरियाणा के हिसार से आई पशु चिकित्सा टीम केदारनाथ पहुंचेगी। इन दोनों टीमों को संदिग्ध मौतों के कारणों की वैज्ञानिक और चिकित्सकीय जांच के निर्देश दिए गए हैं।


अब बिना जांच कोई पशु नहीं जाएगा यात्रा मार्ग पर

सचिव पशुपालन ने यह भी स्पष्ट किया कि अब से कोई भी घोड़ा या खच्चर केदारनाथ यात्रा मार्ग पर जाने से पहले अनिवार्य रूप से जांच से गुजरेगा।


“जिन पशुओं की जांच रिपोर्ट नेगेटिव होगी, उन्हें ही आगे भेजा जाएगा। जिनमें संक्रमण के लक्षण होंगे, उन्हें तत्काल क्वारंटीन कर दिया जाएगा,” – डॉ. पुरुषोत्तम।


पहले भी हुई थी बड़ी संख्या में जांच

उन्होंने बताया कि 4 अप्रैल से 30 अप्रैल तक करीब 16,000 घोड़े-खच्चरों की स्क्रीनिंग की गई थी। इनमें से 152 पशु सीरो सैंपलिंग में पॉजिटिव पाए गए थे, हालांकि आरटी-पीसीआर जांच में सभी नेगेटिव निकले। फिर भी एहतियातन सभी सावधानियाँ बरती जा रही हैं।


“फिलहाल प्रथम दृष्टया मौतों का कारण कोई बैक्टीरियल संक्रमण प्रतीत हो रहा है, लेकिन अंतिम निष्कर्ष विशेषज्ञ टीमों की रिपोर्ट के बाद ही सामने आएगा,” उन्होंने कहा।


नाक बहने जैसे लक्षणों पर विशेष नजर

यात्रा मार्ग पर तैनात सभी पशुओं पर सघन निगरानी की जा रही है। जिन घोड़े-खच्चरों में नाक बहना, खांसी या अन्य संदिग्ध लक्षण पाए जा रहे हैं, उनका तुरंत RT-PCR टेस्ट कराया जा रहा है, और रिपोर्ट आने तक क्वारंटीन सेंटर में रखा जा रहा है।


यात्रा पूरी तरह नहीं रोकी जाएगी

पशुपालन सचिव ने यह भी स्पष्ट किया कि घोड़े-खच्चरों की मौतें चिंताजनक अवश्य हैं, परंतु इस बार यात्रा को पूरी तरह से रोकने की जरूरत नहीं है।


“2010 में ऐसी स्थिति उत्पन्न होने पर यात्रा स्थगित कर दी गई थी, लेकिन इस बार हम पहले से ज्यादा तैयार हैं और व्यापक स्तर पर निगरानी एवं जांच हो रही है। इसलिए यात्रा चालू रहेगी, पर सख्त एहतियात के साथ,” – डॉ. पुरुषोत्तम।

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