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चारधाम यात्रा में फिर दिखा राहत दलों का साहस, NDRF-SDRF ने 2 हजार से अधिक यात्रियों सकुशल वापसी कराई

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 31 जुल॰
  • 2 मिनट पठन
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Kedarnath Yatra 2025: राज्य में हो रही लगातार भारी बारिश के बीच चारधाम यात्रा के मार्गों पर राहत और बचाव कार्य तेज़ी से जारी हैं। गुरुवार सुबह साढ़े दस बजे तक एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और पुलिस ने लगभग 800 यात्रियों को सुरक्षित निकाला, जबकि मौके पर अब लगभग 60-70 यात्री ही रुके हैं।


राज्य के आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि “भारी बारिश की चेतावनी के बावजूद, किसी भी स्थान से कोई बड़ा या महत्वपूर्ण नुकसान नहीं हुआ है। चारधाम मार्ग कुछ क्षेत्रों को छोड़कर अधिकांश हिस्सों में खुला है और यातायात सामान्य रूप से जारी है।”


मार्गों की स्थिति:

सोनप्रयाग-गौरीकुंड मार्ग पर मलबा जमा है, परंतु यह मार्ग प्रतिदिन खुलता रहता है।


सिरोबगड़ क्षेत्र में मार्ग अधिकतर दिनों में बंद रहता है, लेकिन वहां स्थायी मरम्मत कार्य किया जा रहा है।


गंगोत्री राजमार्ग पर गंगोत्री की ओर जाने वाला मार्ग बंद है, साथ ही पिथौरागढ़ में भी एक मार्ग बाधित है।


62 सड़कें अब भी बंद हैं, जिनमें 1 राष्ट्रीय राजमार्ग और 2 राज्य मार्ग शामिल हैं।


राज्य भर में लगभग 35 ग्रामीण व पीडब्ल्यूडी सड़कों को खोलने का काम प्रगति पर है।

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गौरीकुंड से यात्रियों को जंगल के रास्ते निकाला गया:

बुधवार को एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों ने मिलकर गौरीकुंड से सोनप्रयाग तक एक अस्थायी पगडंडी (कच्चा मार्ग) बनाकर 2179 यात्रियों को सुरक्षित जंगल के रास्ते बाहर निकाला। ये सभी यात्री बाबा केदारनाथ के दर्शन कर लौट रहे थे लेकिन मुनकटिया के पास राष्ट्रीय राजमार्ग पर भूस्खलन के कारण फंस गए थे।


टीमों ने हाईवे से लगभग एक किलोमीटर पहले जंगल की ओर एक वैकल्पिक रास्ता तैयार किया और यात्रियों को उसी से सोनप्रयाग तक पहुंचाया।

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यात्रियों का विवरण (31 जुलाई शाम 7 बजे तक):

कुल यात्री निकाले गए: 2179


पुरुष: 1679


महिलाएं: 414


बच्चे: 47


यह सभी यात्री मंगलवार को पैदल मार्ग से बाबा केदारनाथ धाम पहुंचे थे।


तत्काल अलर्ट और सुरक्षा उपाय:

राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, मौसम विभाग (IMD) से मिलने वाले तत्काल अलर्ट के आधार पर संबंधित जनपदों को समय-समय पर अपडेट और सुरक्षा निर्देश भेजे जा रहे हैं। विभाग का कहना है कि “हर स्थिति पर निगरानी रखी जा रही है और यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।”

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