केदारनाथ यात्रा फिर शुरू, मगर अब और कठिन होगा सफर, भक्तों को तय करनी होगी लंबी दूरी
- ANH News
- 3 अग॰
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उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग ज़िले में स्थित भगवान शिव के 11वें ज्योतिर्लिंग बाबा केदारनाथ धाम की यात्रा शनिवार को एक बार फिर से शुरू कर दी गई है। बीते कुछ दिनों से पैदल मार्ग पर भूस्खलन और भारी बारिश के कारण यह यात्रा बाधित थी। अब मार्ग आंशिक रूप से सुचारु हुआ है, लेकिन श्रद्धालुओं को पहले से कहीं अधिक पैदल चलकर केदारनाथ धाम तक पहुँचना पड़ रहा है।
अब 22 किलोमीटर पैदल चलकर पहुंचना होगा बाबा केदार के दरबार
रुद्रप्रयाग के पुलिस अधीक्षक सर्वेश सिंह पंवार ने जानकारी दी कि अब सोनप्रयाग से श्रद्धालुओं को गौरीकुंड होते हुए केदारनाथ के लिए भेजा जा रहा है। हालांकि, मुख्य सड़क मार्ग अभी भी पूरी तरह से बहाल नहीं हो पाया है और भारी वाहनों की आवाजाही संभव नहीं है। इस कारण श्रद्धालुओं को लगभग 22 किलोमीटर का पैदल सफर तय करना पड़ रहा है।
बारिश बनी चुनौती, अस्थायी रूप से रोकी जा सकती है यात्रा
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यदि क्षेत्र में मौसम फिर बिगड़ता है या वर्षा होती है, तो सुरक्षा के दृष्टिकोण से यात्रा को अस्थायी रूप से रोका जा सकता है। साथ ही श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे मौसम विभाग की भविष्यवाणी को ध्यान में रखकर ही यात्रा की योजना बनाएं।
भारी बारिश और भूस्खलन ने रोकी थी यात्रा
बता दें कि पिछले बुधवार रात को हुई मूसलधार बारिश के चलते सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच मुनकटिया के पास भारी भूस्खलन हुआ था। इससे केदारनाथ जाने वाला हाईवे करीब 50 मीटर तक क्षतिग्रस्त हो गया था, जिससे यात्रा पूरी तरह से रोक दी गई थी।
प्रशासन द्वारा तत्परता दिखाते हुए करीब 2000 यात्रियों को सोनप्रयाग और आसपास के सुरक्षित स्थानों पर रोक दिया गया था। केवल केदारनाथ से लौट रहे यात्रियों को ही वैकल्पिक कठिन पैदल मार्गों से सुरक्षा बलों की सहायता से नीचे लाया जा रहा था।
वैकल्पिक मार्ग भी क्षतिग्रस्त
बारिश का असर सिर्फ मुख्य मार्ग तक ही सीमित नहीं रहा। वैकल्पिक पैदल रास्ते भी क्षतिग्रस्त हो गए, जिससे कई श्रद्धालु गौरीकुंड में फंस गए थे। धीरे-धीरे स्थिति नियंत्रित होने पर अब यात्रा को पुनः आरंभ किया गया है।
प्रशासन की अपील:
मौसम की जानकारी लेकर ही यात्रा शुरू करें
भारी बारिश की स्थिति में ऊंचाई वाले स्थानों पर न जाएं
प्रशासन और पुलिस के दिशा-निर्देशों का पालन करें
जरूरत पड़ने पर निकटतम राहत केंद्र में संपर्क करें





