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13 स्लैब, 800 टन और 26 करोड़ की मेहनत, विस अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने किया पुल का लोकार्पण

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 27 मई
  • 2 मिनट पठन
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कोटद्वार के भाबर क्षेत्रवासियों के लिए सोमवार का दिन एक ऐतिहासिक और राहतभरी सौगात लेकर आया। लंबे समय से प्रतीक्षित मालन पुल का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद आज विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने इसका लोकार्पण कर जनता को समर्पित कर दिया।


लोकार्पण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति निर्धारित थी, लेकिन अपरिहार्य कारणों से वे शामिल नहीं हो सके और वर्चुअल माध्यम से जनता इंटर कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया।


सुबह पूजा-अर्चना के साथ पुल पर रिबन काटकर आवागमन की विधिवत शुरुआत की गई। इसके साथ ही कोटद्वार, भाबर, हरिद्वार व लालढांग क्षेत्र के हजारों लोगों को राहत मिल गई है जो पिछले करीब दो वर्षों से पुल के क्षतिग्रस्त होने के कारण परेशानियों का सामना कर रहे थे।


तकनीकी विशेषताएं: मालन पुल बना आधुनिक निर्माण तकनीकों का उदाहरण

13 जुलाई 2023 को आई बाढ़ व भूकटाव के कारण 325 मीटर लंबा यह पुल क्षतिग्रस्त हो गया था।


कुल 13 स्लैब में से एक स्लैब नदी में गिर गया, जिसे नया बनाया गया।


अन्य 12 स्लैब को लिफ्ट एंड शिफ्ट तकनीक से हटाकर संरक्षित रखा गया और नए वेल (कुंआ) तकनीक से बने 12 पिलरों पर स्थापित किया गया।


प्रत्येक स्लैब की लंबाई 25 मीटर, चौड़ाई 7 मीटर और वजन लगभग 800 टन है।


निर्माण कार्य में IIT-BHU के विशेषज्ञों की संस्तुति पर वेल तकनीक का उपयोग किया गया जिससे पुल को भविष्य की बाढ़ और भूकटाव से संरक्षित किया जा सके।


लागत और निर्माण अवधि

पुल के पुनर्निर्माण में कुल 26.75 करोड़ रुपये की लागत आई है।


निर्माण में तकनीकी चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए इसे दिल्ली मेट्रो पैनल जैसी तकनीक से सुरक्षित और टिकाऊ बनाया गया है।


जनता को मिली राहत

पुल के चालू हो जाने से अब भाबर क्षेत्र, हरिद्वार, लालढांग से कोटद्वार और अन्य क्षेत्रों के लिए व्यक्तिगत वाहनों, पब्लिक ट्रांसपोर्ट और मालवाहकों की आवाजाही आसान हो गई है।


क्षेत्रीय लोगों ने मालन पुल के शीघ्र निर्माण और सरकार की तत्परता के लिए आभार जताया है। यह पुल न केवल एक आवागमन का माध्यम, बल्कि क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास का आधार भी बनेगा।

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